बहराइच 07 मार्च। संचारी रोगों/दिमागी बुखार जैसे घातक व संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए 01 से 31 मार्च 2021 तक संचालित होने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान कृषि विभाग द्वारा संचारी रोगों/दिमागी बुखार रोग के वाहक/वेक्टर के रूप में कार्य करने वाले चूहों/छछूंदर के नियन्त्रण के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम की कार्ययोजना तैयार की गयी है।
यह जानकारी देते हुए जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में अधिक जोखिम वाले जनपद बहराइच में कृषि रक्षा अनुभाग कृषक गोष्ठी/वार्ता, प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को कृतंक नियंत्रण के सुरक्षित उपायों के बारे में जागरूक करेगा। इस कार्य के लिए समस्त न्यायपंचायतों में 118 कार्मिकों तथा ब्लाक स्तर पर पर्यवेक्षकीय दायित्व के निर्वहन हेतु 14 कर्मचारियो की ड्यूटी लगायी गयी है। कृृतंक नियंत्रण के लिए जनपद की निजी कीटनाशी प्रतिष्ठानो पर उपलब्ध कृृषि रक्षा रसायन जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत तथा एल्युमिनियम फास्फाइड 56 प्रतिशत के माध्यम से संचारी रोगो/दिमागी बुखार जैसे घातक व संक्रामक रोगो की रोकथाम किया जा रहा है।
श्री वर्मा ने कृृषकों से अपेक्षा की है कि अपने-अपने घरांे में चूहा नियंत्रण हेतु कृृषि रक्षा रसायनों का सावधानीपूर्वक प्रयोग करें। क बिल/छेद के लिए 1 ग्राम दवा में 1.0 ग्राम सरसो का तेल व 48 ग्राम सूखा भुना आटा मिलाकर चूहे के बिल के पास या घर के कोने में रखे और अगले दिन निरीक्षण करें। चूहे के न मरने की दशा में पुनः उक्त कृृषि रक्षा रसायन का प्रयोग करें। चूहे के मरने के बाद उसको जमीन में गड्ढा खोदकर दबा दें। साथ ही साथ यह भी ध्यान रखें कि कृृषि रक्षा रसायन के प्रयोग के समय हाथ में दस्ताने पहनंे। दवा रखने के बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ-मुंह अवश्य धुलें। कृृषि रक्षा रसायन बच्चों की पहुॅच से दूर रखें। किसी भी समस्या/सुझाव हेतु अविलम्ब सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी.सी.एस.आर.एस.) के नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसएप या टेक्स्ट मैसेज कर कीट/रोग के नियन्त्रण के सम्बन्ध में सलाह प्राप्त कर सकते है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






