बहराइच 08 मार्च। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में कन्या भू्रण हत्या रोकने हेतु पी.सी.पी.एन.डी.टी. कानून पर कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाये जाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं के आत्म सम्मान, सुरक्षा, स्वावलम्बन पर जोर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश मोहन ने कन्या भू्रण हत्या रोकने हेतु पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट 1994 के कानून पर प्रकाश डालते हुए चर्चा की। कोई व्यक्ति अल्ट्रासाउण्ड सेण्टरों पर भू्रण लिंग जांच की शिकायत करता है तो उसे पुरस्कृत करने एवं पहचान गोपनीय बनाये रखने पर प्रकाश डाला।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. योगिता जैन ने कहा कि जब तक हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तब तक कन्या भूण हत्या को नहीं रोक पायेगें और ऐसी दशा में विषमता बहती जायेगी। नर्स सीमा सिंह ने महिला-पुरूष की सहभागिता पर जोर दिया। प्रीति सक्सेना ने बताया कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिसके बल पर नारी सम्मान, सुरक्षा व स्वावलम्बन प्राप्त कर सकती है। रेडियो लाजिस्ट डा. अखिलेश कुशवाहा ने अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। रेडियो लाजिस्ट आर.सी. वर्मा ने स्त्री, पुरूष समानता पर जोर दिया। फिजियोथेरेपिस्ट वर्षा श्रीवास्तव ने दहेज जैसी कुप्रथा को समाज से दूर करने की वकालत करते हुए बताया कि यदि नारी स्वयं में सशक्त होंगी तो सारी बुरईयों से स्वयं लड़ सकती है। संगोष्ठी को डीएचईआईओ रवीन्द्र त्यागी, नर्स वन्दना, नीता, सीनियर पैथालाजिस्ट डा. हीरालाल ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के उपरान्त सी.एम.ओ. पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अन्तर्गत लिंग चयन/भ्रूण हत्या को हतोत्साहित किये जाने हेतु जनपद स्तरीय जनजागरूकता रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी राघवेन्द्र सिंह, डीपीएम सरजू खान, डीसीपीएम मो. राशिद, वरिष्ठ सहायक खालिद एहतेशाम, मो. सलमान जाफरी, बृजेश यादव, के.एन. उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
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