बहराइच 31 मार्च। अग्निकाण्ड के दौरान क्या करें और क्या न करें तथा अग्निकाण्ड से सम्बन्धित घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी शम्भु कुमार के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी जयचन्द पाण्डेय द्वारा एडवाईज़री जारी की गयी है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी एडवाईज़री में लोगों को सुझाव दिया गया है कि रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें। रसोई घर की छत ऊँची रखी जाए साथ ही आग को बुझाने के लिए घर में बोरे में भर कर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। हवन आदि का काम सुबह नौ बजे से पहले सम्पन्न कर लें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत अवश्य करा लें। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास भी पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते रहें। पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी तथा रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें।
लोगों को यह भी सुझाव दिया गया है कि जहाँ तक सम्भव हो गर्मियों में दिन का खाना पूर्वान्ह 09ः00 बजे सुबह से पूर्व बना लें तथा रात का खाना शाम 06ः00 बजे के बाद बनाएँ। ग्रामीण क्षेत्रों में जहाॅ हरा गेहूँ अथवा छीमी इत्यादि को भूनते समय विशेष निगरानी रखें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करंे। आवश्यकता होने पर आग बुझाने हेतु फायर ब्रिगेड के दूरभाष नम्बर 101 एवं प्रशासन को सूचित करें एवं उन्हे अपेक्षित सहयोग भी करे।
आग की घटनाओं को न्यून से न्यूनतम किये जाने के सम्बन्ध में क्या न करें हेतु लोगों को सुझाव दिया गया है कि दीपक (दीया), लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखें जहाँ से गिरकर आग लगने की सम्भावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़े गये फसल अवशेषों (डंठलों) में आग नहीं लगायें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये गये टेन्ट के नीचे से बिजली के तार को कदापि न ले जायें। जहाँ पर सामूहिक भोजन बनाने इत्यादि का कार्य हो रहा हो, वहाँ पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय न करें, जलती हुई माचिस की तीली अथवा अध जली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर कदापि न फेंके। खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पाॅलिस्टर के कपड़े न पहने, हमेशा सूती कपड़ा पहनकर ही खाना बनायें। सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें।
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