प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश के हालात काफी खराब हो गए। महामारी बढने पर सरकार को लाकडाऊन लगाना पडा। जिसके कारण गरीब परिवार तथा छोटे तबके के लोगों की रोजी रोटी छिन गई। शहरो से ज्यादा गांव की हालत ख़राब हो गई।प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कोरोना के डर से लोग रोजी रोटी कमाने बाहर भी नहीं जा सकते। कोविड 19 से उत्पन्न परिस्थितियों गरीबों एवं जरुरतमंदो को राहत पहुंचाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जिवकोपार्जन करने वाले ठेला खोमचा रेवड़ी खोखा आग लगाने वाले पटरी दुकानदारों दिहाड़ी मजदूरों रिक्शा/ई रिक्शा चालक पल्लेदार सहित नाविको नाई धोबी हलवाई आदि जैसे परंपरागत काम करो को एक माह के लिए ₹1000 का भरण-पोषण भत्ता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं।
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