कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में रहे राजेश जायसवाल ने कहा कि भारत के स्वाधीनता आंदोलन में काकोरी कांड की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसने देश में क्रांतिकारियों के प्रति जनता का नजरिया बदल दिया ! मैं सर झुका कर नमन करता हूं इसी कड़ी मे एनसीसी के लेफ्टिनेंट श्रीकांत गौड़ , अवध प्रकाश सिंह ने कहा कि
आजादी की लड़ाई में काकोरी कांड इतिहास के पन्नों में दर्ज है. इस कांड के नायकों ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमकर देश के नाम प्राणों की आहुति दे दी. हंसते-हंसते जब वे फांसी के फंदे को चूमकर लटके, तो अंग्रेज अफसरों के सिर शर्म से झुक गए।
उसी काकोरी के नायकों ने फांसी के फंदे पर लटककर क्रांतिकारी आंदोलन का रूप दे दिया. जब उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया गया, तो युवाओं का खून उबाल मारने लगा. वे बड़ी संख्या में आजादी की लड़ाई में कूद गए. बहुतों ने तो सरकारी नौकरी तक को लात मार दी. हम सबको ऐसे क्रांतिकारियों को नमन करना चाहिए।
भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता शिवम जायसवाल ,विक्रांत अग्रहरी विक्की अग्रहरी ने कहा की फांसी की सजा की खबर सुनते ही जनता आंदोलन पर उतारू हो गई. अदालत के फैसले के खिलाफ शचीन्द्रनाथ सान्याल और भूपेन्द्रनाथ सान्याल के अलावा सभी ने लखनऊ चीफ कोर्ट में अपील दायर की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई. बिस्मिल ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया. हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनना चाहिए और और अपने क्रांति वीरों को आदर्श मानकर अपने चरित्र के निर्माण करने चाहिएं इस दौरान उपस्थित ध्रुव वर्मा, नंदू पासवान, ध्रुव सिंह, महेश लोहिया आदि एनसीसी के कैडेट उपस्थित रहे।
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