जौनपुर। जिले के एक परिवार को गौमाता से बेहद लगाव है। यह परिवार करीब 17 वर्षो तक “लक्ष्मी” नामक गाय का पालन पोषण किया अब उसकी मौत होने से पूरा परिवार पर जैसे गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के सभी सदस्यो ने मिलकर उसका अंतिम संस्कार किया अब उसका क्रियाक्रम करने में जुट गये है। बकायदा इसके लिए तेरही का कार्ड छपवाकर गांव समेत आसपास के गांवो में बांटा जा रहा है तथा अनुरोध किया गया है कि हमारी पुज्यनीया गौमाता लक्ष्मी के तेरही में शामिल होकर उनके आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करे। गौमाता के प्रति अटूट आस्था की चर्चा अब पूरे इलाके में हो रही है।
महराजगंज थाना क्षेत्र के तेजीबाजार के निवासी दिनेश जायसवाल के पुरानी गाय ने सन् 2004 में एक बछिया को जन्म दिया। परिजन उसका नाम लक्ष्मी रखा था। पैदाईश से वह पूरे घर वालों लाडली बन गयी। सभी सदस्य उसका परिवारिक सदस्य की तरह पालन पोषण करते थे। लक्ष्मी भी 17 वर्षो में 12 को जन्म दी थी।
दिनेश ने बताया कि यह हमारे के लिए केवल गाय नही बल्की माता समान थी वे पूरा जीवन दस से बारह लीटर दूध देती थी। लेकिन अफसोस की बात है कि 29 अगस्त को उनका निधन हो गया। उनकी मौत से मेरा पूरा परिवार गम डूबा है। उन्होंने गाय का अंतिम संस्कार करवाया। अंतिम संस्कार में विधि विधान पूर्वक कफन में लपेटकर जेसीबी से गड्ढा करवाकर पंडितों से विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। उसके बाद उससे जमीन में दफन कर दिया गया। दिनेश कुमार ने बताया कि गाय को हिंदू धर्म में माता का स्थान दिया गया है। हमारे परिवार ने उनकी आत्मा की शांति के लिए उनका शुध्दक और तेरही करने का निर्णय लिया छह सितम्बर को शुध्दक था तथा दस सितम्बर को तेरही है। एक हजार निमंत्रण कार्ड छपवाकर क्षेत्र के लोगों का बाटा जा रहा है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






