शाहगंज, जौनपुर
RUC के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधानसभा 365 शाहगंज के भावी विधायक शहाबुद्दीन ने मनिहार दिनेश गुप्ता के माता जी की तेरहवी में किया शिरकत।
चुनाव या फिर जिसे निर्वाचन प्रक्रिया के नाम से जाना जाता है, लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है और इसके बिना तो लोकतंत्र की परिकल्पना करना मुश्किल है क्योंकि चुनाव का यह विशेष अधिकार किसी भी लोकतांत्रिक देश के व्यक्ति को यह शक्ति देता है कि वह अपने नेता को चुन सके तथा आवश्यकता पड़ने पर सत्ता परिवर्तन भी कर सके। एक देश के विकास के लिए चुनाव बहुत अहम प्रक्रिया है क्योंकि यह देश के राजनेताओं में इस बात का भय पैदा करता है कि यदि वह जनता का दमन या शोषण करेंगे तो चुनाव के समय जनता अपनी वोटों के ताकत द्वारा उन्हें सत्ता से बाहर कर सकती है।
किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और क्योंकि भारत को विश्व को सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में जाना जाता है, इसलिए भारत में चुनावों को काफी अहम माना जाता है। आजादी के बाद से भारत में अनेक बार चुनाव हो चुके और इन्होंने देश के विकास को गति देने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया। यह चुनाव प्रक्रिया ही है, जिसके कारण भारत में सुशासन, कानून व्यवस्था तथा पारदर्शिता जैसी चीजों को बढ़ावा मिला है।भारत में मतदाताओं के विशाल संख्या को देखते हुए कई चरणों में चुनाव आयोजित किये जाते है। पहले के वर्षों में भारत में चुनाव साधरण तरीकों से होते रहे है लेकिन वर्ष 1999 में पहली बार कुछ राज्यों में इलेक्ट्रानिक मशीनों का प्रयोग किया गया, जोकि काफी सफल तो दिखा मगर कुछ ही समय बाद बड़े पैमाने पे इस इलेक्ट्रानिक मशीन का तमाम राज्यनितिक पार्टियों एवं संगठनों द्वारा विरोध भी देखा गया और आज भी विरोध किया जा रहा है यानी कि ये एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस होने के कारण संदेह के घेरे में आ गया है। भारत में पार्षद पद से लेकर प्रधानमंत्री जैसे विभिन्न प्रकार के चुनावों का आयोजन होता है। हालांकि इनमें से जो सबसे महत्वपूर्ण चुनाव होते है वह होते है लोकसभा और विधानसभा के चुनाव क्योंकि इन दो चुनावों द्वारा केंद्र तथा राज्य में सरकार का चयन होता है। आजादी के बाद से लेकर अबतक हमारे देश में कई बार चुनाव हुए है और इसके साथ ही इसकी प्रक्रिया में कई प्रकार के संसोधन भी किये गये है। जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया को और भी बेहतर तथा सरल बनाने का कार्य किया है।
इसमें सबसे बड़ा संसोधन वर्ष 1989 में हुआ था। जब चुनाव में मतदान करने की उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था। इस परिवर्तन के कारण देशभर के करोड़ों युवाओं को जल्द ही मतदान करने का अवसर मिला वास्तव में भारतीय लोकतंत्र के चुनाव प्रक्रिया में किये गये सबसे साहसिक संसोधनों में से एक था। उक्त बातें RUC के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधानसभा 365 शाहगंज के भावी विधायक श्री शहाबुद्दीन जी ने उस समय लोगों से बात चीत के दौरान कही जब वो मनिहार गाँव में एक तेरहवी के कार्यक्रम में सहभाग करने पहुंचे थे।
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