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Saturday, April 19, 2025 7:13:58 PM

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निजी स्कूलों में अभिभावकों को ठगने का कार्य किया जा रहा है ,शुल्क के नाम पर अभिभावकों की जेब खाली की जा रही है

निजी स्कूलों में अभिभावकों को ठगने का कार्य किया जा रहा है ,शुल्क के नाम पर अभिभावकों की जेब खाली की जा रही है
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार अब्दुल नासिर की रिपोर्ट

नानपारा(बहराइच)

आइए बात करते हैं आज हम राज्य सरकार की शिक्षा नीति पर-हमारी सरकार शिक्षा को लेकर नए-नए तरीके अपना रही है शिक्षा की बढ़ोतरी के लिए सरकार अधिकतर धन शिक्षा विभाग पर खर्च किया जा रहा है और उत्तर प्रदेश के कई जिले नगर ऐसे हैं जहां बड़े-बड़े लुटेरे बैठे है जो शिक्षा का कारोबार चला रहे हैं इन प्राइवेट स्कूल वालों ने अंधेर नगरी चौपट राज लगा रखा है आप को बता दे बहराइच ज़िला मे नानपारा नगर में संत पीटर इंटर कॉलेज संत पीटर जूनियर स्कूल में नगरवासियों से एक बच्चे पर
1माह का चार्ज 1600
6माह का चार्ज 9600
और लोकल कैनवांस 900
लेते है टोटल फीस 10500
जब राज्य कर्मचारी प्रतिमाह वेतन 15 से 20 हज़ार पाते है और दो बच्चो की पढ़ाई करानी है तो एक बच्चे की टोटल फीस का खर्च ड्रेस कॉपी किताब 15 से ₹20000 आ रहा है तो वह अपने बच्चों को कैसे पड़ा पाएंगे इसी कारण हम किसी भी कर्मचारी या किसी भी कार्यालय में अपने काम को लेकर जाते हैं 200 से लेकर ₹500 तक की घूस देनी पड़ती है यह जो पढ़ाई के नाम पर लोगों का गला काटने का काम कर रहे हैं उन के ऊपर भी सरकार एक नियम लागू करें ये अपनी फीस निर्धारित करें यही कारण है उत्तर प्रदेश में शिक्षा की कमी का लोगों को सामना करना पड़ता है क्योंकि हर व्यक्ति इतनी फीस देकर अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिला सकता है और प्राइवेट स्कूल के नामों पर अनेक प्रकार के चार्ज लिए जाते हैं अगर हर राज्य में इस सिस्टम के बदलाव के लिए कार्य किए जाएं तो हो सकता है आने वाले समय में शिक्षा में थोड़ी सी सफलता मिल सके सोचनीय पहलू यह है कि सरकार इस प्रकार निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की बात करती है मगर जनपद में बैठे विभाग के ज़िम्मेदार अफसर चंद सिक्कों की खनक के आगे अपनी आंखें बंद किए हुए हैं नानपारा नगर में कई स्कूल ऐसे भी देखने को मिल जाएंगे जो बिना मान्यता के ही चल रहे हैं और बहुत ऐसे भी स्कूल हैं जो 5 वीं तक की मान्यता लेकर इंटर कालेज तक की पढ़ाई करवा रहे हैं इसमे फीस सहित अन्य सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल की जाती है अब देखना यह होगा कि ज़िम्मेदार इस पर कोई प्रभावी कदम उठाते हैं या ऐसे ही सब चलता रहेगा ।

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