रिपोर्ट : राकेश मौर्या
बौंडी(बहराइच)। पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की।
यह उद्गार तेजवापुर ब्लाक के कटहा कारीपुरवा बाग में चल रही नौ दिवसीय श्री रामकथा के दौरान पवन कुमार दास शास्त्री जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इंकार कर दे लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर उत्पन्न हुए सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और स्वयं भगवान बनने का ढोंग करने लगे, लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की एक झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व धरा से ही समाप्त हो गया। अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्मौ के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक नहीं टिक सकता।
कथा व्यास ने कहा कि ब्राह्माण पूजनीय होता है। ब्राह्माण का कभी उपहास नहीं करना चाहिए। जिसने ब्राह्मण का उपहास किया है उसका सर्वनाश ही हुआ है। शास्त्री जी महाराज ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया। चारों ओर मंगल गान होने लगे।रामकथा दौरान पूरा पंडाल राम जन्म के बधाई गीताें से गूंज उठा। भए पृकट कृपाला दीन दयाला…बधाई गीत सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और महिलाएं भाव विभोर होकर नृत्य करने लगीं।इस दौरान राम जन्म की मनमोहक झांकी देखकर भक्तों में हर्षोल्लास का माहौल व्याप्त हो गया।इस अवसर राम कथा के आयोजक रामकुमार दास जी महराज,महसी विधायक प्रतिनिधि अंखड प्रताप सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि रमाकर पांडेय,संतराम पांडे, आदित्य सिंह,दीपक सिंह विसेन,मिट्ठू लाल, रमेश यादव, जगदीश यादव व अन्य लोग मौजूद रहे।
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