सोशल मीडिया पर मेरे अच्छे कार्यों पर भोड़े कमेंट देने वाले व मेरे अच्छे कार्यों को ना देख कर मेरे विभाग के किसी व्यक्ति की एक गलती को टारगेट कर मुझे निशाना बनाने वाले कृपया मेरी इन लाइनों को जरूर पढ़ें और आप सभी से निवेदन है कि मेरी इन चंद लाइनों को शेयर कर दें फरेंदा सीओ सुनील दत्त दूबे ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा ताकि वह लोग भी पढ़ सके जो लोग स्वयं गलत होते हुए भी खाकी को दोषारोपण करते रहते हैं। अपराध करेंगे मुकदमा दर्ज होने पर खाकी को कोसेगे।हर व्यक्ति चाहता है कि वह चाहे भले ही डकैत हो परंतु उसके खिलाफ खड़े होने वालों को पुलिस फांसी दे दे। हर व्यक्ति वही सुनना चाहता है पुलिस से वही काम लेना चाहता है जो उसे अच्छा लगता है क्यो कि मैं खाकी हूँ . मैं शायद इंसान नहीं हूँ .मेडिकल रिपोर्ट भी शायद उस शरीर को इंसान मानने से इंकार कर देता है जब वह खाकी वर्दी में लिपटजाती है ।
बहुत पहले एक गाना गाया जाता था ” इनकी ना मानो सिपहिया से पूछो “, बड़ा विश्वास होता था इस सिपहिया पर. जब बच्चे रोते थे तो कभी मां हमारा डर दिखाती है कि चुप हो जा नहीं तो पुलिस आ जायेगी । कितना आदर और भय होता था लोगों में जैसा राजकपूर ने गाया था ” आधी रात को मत चिल्लाना नहीं तो पकड़ लेगा पुलिसवाला ” वह ज़माना कहां और कब चला गया . अब तो कोई ठुल्ला कहता है तो कोई मामा . पर कितना सुरक्षित महसूस करते है जब वह हमें देख लेते हैं .
क्या देश के हर सवाल का जवाब खाकी है ? क्या उम्मीद है मुझसे ? इस चौराहे में खड़ा हूँ आठ घंटो से भी ज्यादा . मुझे देखना है कि आप के घर व परिवार का कोई बेटा आती जाती लड़कियों को न छेड़े। आप के ही बीच का कोई शख्स आपके ही सामने महिलायों के साथ बदतमीजी करेगा और दूसरे दिन मेरी शिकायत लिए इसी चौराहे पर वह आपके साथ ही जुलुस भी निकालेगा । मुझे इसके साथ यह भी देखना है की आप किसी बहकावे में आकर दंगा फसाद न करें . मुझे यह भी संभालना है की किसी राजनैतिक या सामाजिक समस्या पर आप भीड़ न जमा करें .मुझे रेड अलर्ट किया गया है कि आप के बीच कोई आतंकवादी गतिवधियां ना हो जाए भाई भाई अथवा परिवार के लोगो के बीच जमीन के वादविवाद में भी मुझे दखल देकर शान्ति बनाये रखना है. मुझे बड़ा सतर्क होना है क्योंकि इस चौराहे पर खड़ी उस मूर्ति पर कोई कबूतर ना बैठ जाए ,कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त उस मूर्ति को ना तोड़ दे. क्योंकि मूर्ति तोड़ने से लोगों की भावना को आहत पहुंचेगी .
आप इस चिलचिलाती धुप में भले न निकले , सर्दियों में अपने कम्बल से न निकले या फिर बारिश होते ही छत के नीचे भागे पर मुझे तो इसी चौराहे में खड़ा होना है . क्योंकि मेरे शरीर को खाकी वर्दी पहनने के बाद इनका असर नहीं होता . कानून की सारी किताबें , मानवता के सारे सिध्दांत , अपराधियों की मानसिकता और जनता की व्यावहारिकता की मुझे पूरी समझ होनी चाहिए . आपका बेटा मोटरसाइकिल पर बैठ लड़कियों के दुपट्टे भले खींचता रहे पर मेरी नासमझी पर आपको बड़ा क्रोध आता है ।
अपने देश में घर के अंदर कार और मोटरसाइकिल खड़ी करने की जगह नहीं है पर खरीद कर के घर के सामने सड़क पर खड़ी करते हैं और जब वाहन चोरी हो जाता है तब उम्मीद करते हैं कि पुलिस उसकी रक्षा करें ।कस्बों में दुकानों में ₹50 के ताले लगाकर सस्ते सटर लगाकर घर में चैन की नींद सोते हैं और चाहते हैं कि 3 किलोमीटर में फैले मार्केट की रक्षा पुलिसवाले करें। दर्जनों पंक्तियों में सड़े गले पटरे लगाकर ₹20 का ताला डालकर सोचते हैं कि अब हमारी जिम्मेदारी खत्म हो गई हैअकेला घर छोड़कर गेट पर ताले बंद करके चले जाते हैं ताकि आने वाला चोर समझ ले कि मालिक तो ससुराल गए हैं आराम से चोरी करने का अच्छा मौका है पर लौट कर पुलिस को कोसते हैं । कि आपके क्षेत्र में चोरियां बहुत बढ़ गई हैं।गांव के बाहर सैकड़ों मंदिर जिनमें कोई पूजा करने नहीं जाता है पर उसका घंटा चोरी होने पर ऐसा महसूस होता है कि शायद सबसे बड़ा ही अपराधी पुलिस ही है जो घंटे की रक्षा नहीं कर सकी।
साम्प्रदायिक भावनायों को कौन भड़काते है , दंगो में कौन अपनी रोटी सेंकते है आप भी जानते हैं पर दंगे को नियंत्रण करवाना चाहते हैं सिर्फ मेरी लाठी से।क्यूंकि चौराहे पर खड़ा देखता हूँ चुपचाप सिर्फ यह प्रार्थना करते हुए की आज मेरी नौकरी सलामत रहे या फिर मेरा लहू ना बहे।मुझे चौराहे पर हर एक के असंतोष से उठा पत्थर खाना है ,क्योंकि खाकी वर्दी पहनने के बाद पत्थर चोट तो पहुंचाते ही नहीं है .
चौराहे की हर घटना का जिम्मेदार तो सिर्फ मैं ही हूँ . क्योंकि मैं इंसान नहीं खाकी हूँ .
मुझे भी मन करता है की इस धूप में खड़े खड़े थोडा विश्राम कर लूँ पर डरता हूँ की आप कानून व्यवस्था के ढीले होने का रोना रोने लगेंगे।अगर ड्यूटी के दौरान कहीं झपकी भी आ जाए तो डर लगता है कि आज चाइनीज मोबाइल रख कर घूम रहा हर व्यक्ति पत्रकार है। कहीं मेरी फोटो सोते हुए वायरल ना कर दे।
मुझे देखना है कि कहीं कोई व्यक्ति संपूर्ण विश्व से आपको फोन करके आपके एटीएम का नंबर न प्राप्त कर ले आपसे ओटीपी ना ले ले।आपको किसी टावर लगवाने इनाम निकलने का लालच देकर आपके खाते से कहीं आपकी गाढी कमाई न उड़ा दे। मुझे देखना है कि एटीएम में घुसते समय कोई पीछे आपका कोड ना देख ले कोई आपका एटीएम ना बदल ले ।मुझे देखना है कि आप अपनी मोटरसाइकिल की डिग्गी में पैसा रख कर आराम से दुकान के सामने खड़ी करके शॉपिंग करने चले गए हैं कोई आपकी डिग्गी से पैसे न निकाल ले। क्यों कि मैं खाकी हूँ ।यदि मेरा आज निलंबन नहीं हुआ तो कल मिलूँगा वहीँ खड़ा आपके लिए।क्योंकि देश में कोरोना जैसी भयंकर महामारीको रोकने के लिए उसके संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए हमें आपको मास्क भी लगवाना है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करवाना है ताकि आप बीमार ना हो जाए। मैं दिन-रात चौराहे पर खड़ा हूं आप की सुरक्षा के लिए पर क्या आप है मेरे लिए ? नहीं आप मेरे लिए तभी हो सकते हैं जब आप किसी को पीट दे पर मैं आपके खिलाफ मुकदमा ना लिखूं आपका बेटा किसी नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाए परंतु मैं उसको छोटी सी भूल समझ कर माफ कर दू ।आप बिना हेलमेट के शराब पीकर गाड़ी चलाएं पर मैं आपका चालान ना करूं ।आप गर्मी में हवा आने के लिए घर के दरवाजे खुले छोड़ कर सो जाएं और मैं आप के सामान की रक्षा करूं।आप किसी के मकान दुकान घर पर कब्जा कर ले पर मैं आप से खाली करने के लिए ना कहूं ।आप सड़क पर गाड़ी खड़ा करके जाम लगा दे पर मैं आपकी गाड़ी को ना छेड़ू। आप भांग की दुकान पर गाजा बिकबाएं ,आप चोरी के वाहन खरीद कर कटवा दें अब जहरीली शराब बिकबाये पर हम आप के खिलाफ मुकदमा दर्ज ना करें ।तभी आप मेरे हो सकते हैं।प्लीज़ खाकी के लिए एक शेयर जरुर करें।
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