माइती नेपाल के प्रयास से पिछले दिनों भारत के विभिन्न महानगरों से भारी संख्या में नेपाली युवतियो को चकला घरों से मुक्त कराया।
रुपईडीहा बहराइच। नेपाल के जिला बर्दिया प्रशासन कार्यालय व माइती नेपाल द्वारा एक संयुक्त कार्यशाला बर्दिया जिला के मुख्यालय गुलरिया में आयोजित किया गया।
जो देर शाम तक चला। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य जिला अधिकारी बर्दिया संत बहादुर सुनार व मुख्य अतिथि गुलरिया नगरपालिका की उप प्रमुख सुशिला गिरी रही। माइती नेपाल ने दिल्ली, आगरा, वाराणसी व मुम्बई व भारत के विभिन्न स्थानों से पिछले दिनों भारी संख्या में नेपाली युवतियों को चकला घरों से मुक्त कराकर कीर्तिमान स्थापित करने की विशेष चर्चा की गई ।
इस संगोष्ठी में मानव क्रय विक्रय पर विभिन्न वक्ताओं ने इस जघन्य अपराध को रोकने हेतु अपने अपने विचार व्यक्त किये।
माइती नेपाल के क्षेत्रीय संयोजक केशव कोइराला ने कार्यशाला में मानव तस्करी के उद्देश्यों पर विशेष रुप से प्रकाश डाला।
श्री कोइराला ने कहा कि मानव तस्करों की कमर तोड़ने के लिए सिर्फ पीड़ितों की मुक्ति ही काफी नहीं बल्कि मानो तस्करों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई और पीड़ितों का समाजिक पुनर्वास आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों सरकारें इस पर अमल करें तभी हमको सफलता मिल सकती। इस अवसर पर देहात संस्था के हसन फिरोज ने कहा कि मानव तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए दोनों सरकारों को प्रभावी रणनीति बनाने की जरुरत है। उन्होंने मानव क्रय विक्रय रोकने के संबंध में आने वाली कठिनाईयों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
कार्यशाला में गुलरिया नगरपालिका की उप मेयर सुशीला गिरी, इंसेक संस्था के मान बहादुर चौधरी, गुलरिया माइती नेपाल महिला शाखा की इंद्रा, गोविंद केसी, साथी संस्था की सरस्वती पौडेल, बर्दिया के पुलिस अधीक्षक ईश्वर कार्की, पत्रकार कमल पंथी, पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष यादव आचार्य व गणेश शंकर पवन यादव आदि ने नेपाली क्षेत्रों से दलालों द्वारा नेपाली युवतियों को विदेशों में ऐशो आराम की जिंदगी बिताने, आकर्षक वेतन दिलाने वविवाहहू करने के बहाने भारत के विभिन्न शहरों में ले जाते हैं। कुछ युवतियों को भारत से खाड़ी देशों में भेज दिया जाता है। कुछ युवतियों को भारत के चकला घरों में बेच दिया जाता है। उन्हें नशे के इंजेक्शन लगाकर कष्टकर देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। अंत मे प्रमुख अतिथि जिलाधिकारी बर्दिया संत बहादुर सुनार ने कहा कि पिछले दिनों नेपालगंज में भारत नेपाल के अधिकारियों की काउंटर पार्ट बैठक हुई थी। हम लोगो ने मानव तस्करी समस्या के साथ भारतीय विभिन्न क्षेत्रों में बिकने वाले नशीले पदार्थो की नेपाल में हो रही तस्करी की समस्या रखी थी। भारतीय अधिकारियों की ओर से इसकी रोकथाम के कोई आश्वासन हमे नही मिला। बांके व बर्दिया जिलों में इस समय स्मैक, नशे में प्रयुक्त होने वाली गोलियां, लिक्विड व इंजेक्शन सहित चिप्पड़ लेकर नेपाली युवा व युवतियां नेपाल आ रहीं हैं। ये पकड़े भी जा रहे हैं। बावजूद इसके यह नशे का व्यापार बंद नही हो रहा है। भारतीय क्षेत्र के अधिकारियों से हमे सतत उम्मीद है कि वे इसमे सहयोग करेंगे। माइती नेपाल का कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है। बीते वर्षो में इस संस्था के संयोजक केशव कोइराला के नेतृत्व में भारत के विभिन्न महानगरों से कई दर्जन युवतियां मुक्त कराई गईं। जो विशेष चर्चा का विषय रही।
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