रुपईडीहा बहराइच। ब्लांक नवाबगंज के अन्तर्गत स्थित दर्जनों ग्राम पंचायतों में छुट्टा पशुओं व जंगली जानवरों का आतंक छाया हुआ है। इसके कारण पलक झपकते ही पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है। कुछ तो यह छुट्टा जानवर जाकर नष्ट कर देते हैं और कुछ फसल इनके पैरों तले पड़कर नष्ट हो जाती हैं।
ब्लांक क्षेत्र के दौलतपुर, सहाबा,साईगांव,करीम गांव, परमपुर, बघमरवा, महमदी, गोकुलपुर,किघरियनपुरवा, पोखरा,रंजीतबोझा आदि गांवों में इन दिनों इन छुट्टा जानवरों का आतंक छाया हुआ है।इन जानवरों के कारण इलाके के किसान काफी परेशान व दुःखी दिख रहे हैं। परन्तु इनके दुःख दर्द को जानने व सुनने के लिए कोई विभाग अथवा संस्था तैयार नहीं है। विधानसभा चुनाव निकट आ गया है। क्षेत्र में विभिन्न पार्टियों के नेताओं का दौर शुरू हो गया है। कुछ किसान ने इन नेताओं से छुट्टा जानवरों के बारे में भी अपना दर्द बताया। परन्तु कोई सुनने वाला नहीं है। दौलतपुर के मजरा सहाबा गांव के निवासी रमेश कुमार यादव,अजय कुमार वर्मा, अंकित कुमार वर्मा, दीपक कुमार वर्मा, मुकेश कुमार यादव, दयाराम वर्मा,सोनू वर्मा,राजू प्रसाद यादव,सुवेदार वर्मा,लम्बरदार व अमन वर्मा आदि लोग ने बताया कि इन दिनों हमारे क्षेत्र में छुट्टा जानवर,सांड,भैसे, गाय, के अतिरिक्त नीलगाय, जंगली सूअर आदि जानवरों का कहर जारी है। इलाके के कुछ गिने चुने लोगों द्वारा जानबूझ कर अपने अपने जानवर छोड़ कर भगा दिया जाता है। इतना ही नहीं हमारे क्षेत्र में 30,40 की संख्या में छुट्टा जानवर झुंड बनाकर जिस खेतों में घुस जाते हैं उस खेत की पुरी की पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं। इन जानवरों की वजह से फसलों को भारी नुक़सान हो रहा है। इनसे बचाव के लिए कुछ किसानों ने अपने खेतों में बांस,कांटा आदि लगाकर चौहद्दी को घेर रखा है। लेकिन इसको लगाने से भी कुछ अधिक प्रभाव नहीं दिख रहा है। इन ग्रामीणों ने यह भी बताया कि किसानों द्वारा लगाये गये बाड़ों से भी फसलों की सुरक्षा कुछ खास नहीं हो पा रही है। जिससे किसान ठंड भरी रात में जागकर अपनी फसलों की सुरक्षा करने को विवश हैं। इस समय जंगली जानवर भी फसलों को भारी नुक़सान पहुंचा रहे हैं। इस क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इन जानवरों ने हमारी नींद हराम कर दी है।रात भर फसलों की रखवाली करने से सोने को नहीं मिलता। और दिन भर काम से फुर्सत नहीं मिलती।
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