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Wednesday, February 12, 2025 6:48:12 AM

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मां मुझे माफ करना, मैं डॉक्टर नहीं बन सका,अब हम जिंदगी से हार गए।

मां मुझे माफ करना, मैं डॉक्टर नहीं बन सका,अब हम जिंदगी से हार गए।
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार फिरोज खान पठान की रिपोर्ट

जौनपुर। मड़ियाहूं तहसील के रामपुर ब्लाक के खेमापुर गांव निवासी छात्र ने कोचिंग के दौरान कानपुर में तीसरी मंजिल से कुद कर जान दे देने की समाचार जैसे ही शुक्रवार की अपराहन परिजनों को मिली घर में कोहराम मच गया।शनिवार को छात्र का शव घर आएगा।
रामपुर ब्लाक के खेमापुर गांव निवासी अतिबल चंद का पुत्र रंजित कुमार एमबीबीएस का सपना लेकर कानपुर में नीट की कोचिंग क्लास के लिए तैयारी कर रहा था। कानपुर में काकादेव पी ब्लॉक के एक मकान में किराए पर रह रहा था। शुक्रवार को रंजीत घर के अंदर सुसाइड नोट लिखा कि मां मुझे माफ करना, मैं डॉक्टर नहीं बन सका,अब हम जिंदगी से हार गए। लिखकर तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर लिया। रंजीत इस प्रकार कैसे आत्महत्या कर लिया यह बात परिजनों के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। शुक्रवार अपराहन जैसे ही खबर घर पर पहुंची परिजनों में कोहराम मच गया। घर पर केवल रंजीत की विधवा वृद्ध मां मनोरमा देवी ही रहती है। बेटे की मौत की समाचार चलते ही फूंट-फूंट कर रोने लगी। पड़ोस की महिलाए भी मनोरमा को ढांढस बंधाने में लगी रही।
खेमापुर गांव के स्व. अतिबल चंद का चौथा नंबर पुत्र रंजीत कुमार 22 वर्ष कानपुर में रहकर कोचिंग कर रहा था। रंजीत कुमार चार भाई में सबसे छोटा था। रंजीत का बड़ा भाई रोशन कुमार व अमित कुमार मुंबई में रहते हैं। तीसरा भाई कन्हैया कुमार दिल्ली में रहते हैं। रंजीत कुमार कानपुर में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कोचिंग कर रहा था। घर पर उसकी बृद्ध विधवा मां मनोरमा देवी रहती है। रंजीत के पढ़ाई का खर्चा उसके अपने सगे भाई ही वहन करते थे।
रिपोर्ट चंचल कुमार राव

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