रमजान का महिना शुरू हो गया है एक माह तक रोजा रखते हुए पांच वक्त की नमाज के साथ अपने खुदा रसूल की इबादत करते हैं ।रोजा का पालन बडी ही शिद्दत के साथ करना पड़ता हैं ।इस्लाम धर्म को मानने वाले मुस्लिम समाज का यह सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।अपने अम्मी अब्बू को देखकर परिवार मे चिलचिलाती धूप व तेज गर्मी के बाद भी बच्चे भी रोजे रखने में पीछे नहीं हट रहे हैं। सात वर्षीय अलीजा फातिमा ने अपना पहला रोजा रखा। रोजा रखने के साथ ही उसने वालिदा के साथ इबादत भी की। दोपहर बाद कमजोरी आने के बाद भी वालिदा के साथ काम में हाथ बंटाया।
नगर पंचायत बृजमनगंज के इरसाद अहमद की छ: वर्षीय बेटी आईमा फातिमा ने पहला रोजा रखा। होनहार इमान फातिमा ने सात साल की कम उम्र में ही कुरआन की तिलावत मुकम्मल कर ली है। वह दीनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी कक्षा में भी अव्वल है। कई दिन से रोजा रखने की जिद कर रहे इमान फातिमा ने दोपहर तक का समय घर में ही गुजारा। दोपहर में उसने जौहर की नमाज अदा की तथा कुरआन शरीफ की तिलावत की। शाम के समय जोर से प्यास व भूख की शिद्दत दिखी तो कमजोरी का अहसास भी किया, लेकिन असर की नमाज अदा करने के बाद उसने घर में इफ्तारी बनाने में हाथ बंटाया। अलीजा फातिमा के पहला रोजा रखने से परिवार के लोगों में खुशी है।आलम खान ने बताया कि मेरी बच्ची शकिरा जिसकी उम्र सात वर्ष की है पहला रोजा पांच वक्त की नमाज के साथ पूरा किया अल्लाह उसे सब्र अदा फरमाये।
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