रिपोर्ट : जगदम्बा जायसवाल
महराजगंज। नौकरी का झांसा देकर तीन जालसाजों ने
बृजमनगंज के एक युवक से
22.50 लाख रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया।
पीड़ित थाने से लेकर पुलिस
अधीक्षक कार्यालय तक केस दर्ज
कराने के लिए चक्कर काटता रहा लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। तब उसने न्यायालय की शरण ली।इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट
फरेंदा कोर्ट के आदेश पर बृजमनगंज पुलिस ने दिनांक 07/02/2024 को अभियुक्त आफताब पुत्र नुरुलेन निवासी कानपुर, विनय सिंह पुत्र उपेंद्र सिंह निवासी लखनऊ ,शफीक पुत्र दिलबहार निवासी कस्बा बृजमनगंज पर धारा 419,420,467,468,471,406,506 दर्ज कर मामले की जांच की जा रही हैं।बृजमगंज थाना क्षेत्र नौसागर टोला कुआडाड़ी के रहने वाले जमशेद अहमद ने बताया कि उसके भाई जावेद ने यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए परीक्षा दी थी। रिजल्ट आने से पहले उनकी मुलाकात बृजमनगंज कस्बे के शफीक अहमद से हुई। भाई की
परीक्षा को लेकर बातचीत के दौरान शफीक ने कहा कि उसका भांजा आफताब आलम व आफताब का दोस्त विनय सिंह इस समय बृजमनगंज में उसके घर पर हैं। दोनों की पुलिस विभाग में अच्छी पकड़ है।
वे जावेद को परीक्षा में पास करा
देंगे। इसके झांसे में आकर वह
शफीक के घर गया जहां आफताव और विनय से मुलाकात हुई।आफताब मूलतः गोरखपुर के
गोला बाजार के वार्ड नंबर सात का रहनेवाला है और अभी कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज,नजदीक हैलेट हास्पिटल थानास्वरुप नगर में रहता है।
वहीं विनय सिंह लखनऊ के
कृष्णानगर में ग्राम-561/610
रहता है।जमशेद अहमद के अनुसार उसने छह महीने में 22.50 लाख रुपये दिए
जमशेद के अनुसार, उसने भाई की नौकरी के लिए 25 नवंबर 2021 को सात लाख रुपये, दो दिसंबर 2021 को दो लाख रुपये, तीन व चार दिसंबर 2021 को पांच-पांच लाख और आठ अप्रैल 2022 को तीन लाख पचास
हजार रुपये (कुल 22.50 लाख) आरोपियों को दिए। पर जून 2022 में जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसमें जावेद का नाम नहीं था। उन्होंने आरोपियों से बात करने की कोशिश की।
जमशेद के अनुसार, छह अगस्त
अगस्त 2023 को उसे पता चला
कि आफताब, विनय शफीक के
घर पर मौजूद हैं। इस पर शाम
करीब 5 बजे वह वहां पहुंच गया।
उसने तीनों से अपनी रकम वापस
करने को कहा तो उन लोगों ने
रुपये लौटाने से मना करते हुए
जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद जमशेद ने बृजमनगंज थाने पर सूचना दी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
निराश होकर पुलिस अधीक्षक
महराजगंज को पत्र भेजा पर वहां
भी उसकी फरियाद नहीं सुनी गई।हारकर कोर्ट की शरण ली, जिसकेआदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया।
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