बहराइच।स्थानीय सेनानी भवन सभागार में स्वतंत्रता आन्दोलन के महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों में एक राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी का 123 वां जन्मदिवस मनाया गयाlकार्यक्रम में सेनानी उत्तराधिकारियों ने क्रांतिकारी आन्दोलन में उनके योगदान और उनके देश भक्ति से परिपूर्ण विचारों की चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि वो भारतीय स्वतंत्रता इतिहास की महत्वपूर्ण घटना काकोरी षड़यंत्र और दक्षिणेश्वर बम विस्फोट के मुख्य योजना कर्ता थे और अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के उद्देश्य से गठित हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे, उन्हें 27 वर्ष से कम उम्र में अंग्रेजों ने दर्दनाक तौर पर फांसी दी। संगठन के प्रदेश कार्यवाहक महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि काकोरी में जिस ट्रेन को लूटा गया उसे राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी ने ही तय वक्त और जगह पर जंजीर खींचकर रोका ताकि उनके साथी उसमें चढ़कर लूट को अंजाम दे सकें। ब्रिटिश शासन उनसे और उनकी मित्र मंडली से इतना खौफ खाती थी कि चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में उनके दोस्त जेल से उन्हें उनके तयशुदा फांसी की तिथि से पहले जबरदस्ती छुड़ा लेंगे, इस खुफिया जानकारी की प्राप्ति के बाद उन्हें दो दिन पहले बहराइच के सीमावर्ती जिले गोण्डा जेल में फांसी दे दी गई। समाजसेवी अधिवक्ता अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि हालांकि राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी का जन्म स्थान इस समय के बंग्लादेश में पावना जिले के भड़गा गांव में है फिर भी वह आज भी अखण्ड भारत के देशप्रेमियों के लिए राष्ट्रभक्ति का शक्ति केन्द्र है।वो पक्के आर्य समाजी थे और उन्होंने कहा था कि भारतीय संस्कृति पुनर्जन्म में विश्वास करती है इसलिए हमारी फांसी के बाद भी मैं पुनः इसी देश में जन्म लेकर भारत माता की सेवा करूंगा।अन्त में सेनानी उत्तराधिकारियों ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के सच्चे भक्त और तत्कालीन समय में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र के रूप में उनकी पहचान थी और वो फांसी पर चढ़कर हजारों क्रांतिकारियों के मन में देश प्रेम की भावना भर गये,हम सब उनके जन्मदिन पर उनको शत शत नमन करते हैं, तत्पश्चात कार्यक्रम समाप्त किया गया। कार्यक्रम में हनुमान तिवारी, राहुल मिश्र, दिनेश मिश्र,शिव प्रकाश तिवारी,राम रूप मिश्र एडवोकेट सहित तमाम देश भक्त मौजूद रहे।
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