चित्तौड़गढ़ दिनांक 15 जुलाई 2024 भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के जिला अध्यक्ष मदन ओजस्वी के नेतृत्व में भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के द्वारा निरंतर डॉ आंबेडकर के विचारों को पोषित करने वाले एवं प्रचारित करने वाले करने वाले दलित समाज की प्रतिभाओं को उनके मोहल्लों एवं गांव में जाकर उनका अभिनंदन किया जा रहा है
भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ ने नोगावा ,डूंगला तहसील निवासी भग्गा लाल मेघवाल के स्कूल शिक्षा में उपाचार्य पद पर पदोन्नति होने पर एवं मेघवाल समाज ने उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया । भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के महासचिव बाबूलाल बैरवा ने बताया आजादी के बाद नौगांवा के मेघवाल जाति में भग्गा लाल मेघवाल मेघवाल समाज के पहले व्यक्ति है जो तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में शिक्षा विभाग में भर्ती हुए और उच्च शिक्षा प्राप्त कर उच्च माध्यमिक विद्यालय चिकारडा मेंउपाचार्य के रूप में पदासीन हुए यह मेघवाल समाज के लिए बहुत ही गौरव का विषय है इसके लिए हम सब मेघवाल को बहुत-बहुत बधाई देते हैं
भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के संगठन मंत्री उपाचार्य रेवलिया खुर्द भगवान लाल रेगर नेभग्गा लाल मेघवाल का पगड़ी एवं उपरने से स्वागत किया एवं बधाई दी
मेघवाल समाज के जनप्रतिनिधि पूर्व सरपंच रायचंद परमार ने भग्गा लाल मेघवाल को डॉ भीमराव अंबेडकर जी की तस्वीर एवंउपरने के द्वारा स्वागत करते हुए पूर्व सरपंच ने बताया कि भग्गा लाल मेघवाल शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे हैं और अपनी मेहनत और लगन से गरीब परिवार में पैदा होकर मजदूरी कर
अपने अध्ययन को जारी रखा और एक शिक्षक के रूप में जहां भी सेवाएं दी है वहां अपने समाज एवं अपने गांव का नाम रोशन किया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं शिक्षाविद भग्गा लाल मेघवाल उपाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ,चिकारड़ा ने अपने उदबोधन में बताया की बहुत ही गरीब परिवार में जन्म लेकर डॉ आंबेडकर के विचारों से प्रभावित होकर शिक्षा ग्रहण की और उसके उपरांत एक शिक्षक के रूप में चयनित होकर शिक्षा के प्रकाश को फैलाया । डॉ आंबेडकर के हम ऋणी है। जिन्होंने हमें स्वतंत्रता, समता , शोषण के विरुद्ध उपचार जैसे मौलिक अधिकारों से ओतप्रोत एक संविधान दिया है जिससे कारण गरीब, पिछड़ी, दलित एवं महिलाओं को शिक्षा एवं बराबरी का अधिकार मिला ।उसी की बदौलत आज इस शिक्षा सेवा के उच्च पद पर पहुंचकर डॉ आंबेडकर के विचारों को , दर्शन को प्रचारित करने का अवसर मिल रहा है भारतीय दलित साहित्य अकादमी की ओर से मेघवाल बस्ती में पुस्तकालय स्थापना की जो मांग की है उस मांग को पूर्ण करने में अपना तन मन धन लगाऊंगा और अपने समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने में पूरी मदद करूंगा कार्यक्रम में वार्ड पंच भगवानी बाई मेघवाल एवं सामाजिक संघर्ष के प्रतीक सुरेश मेघवाल का भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संरक्षक निर्मल देसाई के द्वारा भारतीय संविधान की बुकलेट डॉ आंबेडकर की तस्वीर एवं उपरना भेंट कर स्वागत किया गया । अपने उदबोधन में बताया की सुरेश मेघवाल ने गत दिनों में सामाजिक प्रतिरोध का सामना करते हुए प्रशासन का सहयोग लेकर अपने बच्चे के मुंडन कार्यक्रम में बिंदोरी निकाली इसके लिए भारतीय दलित साहित्य अकादमीने सम्मानित किया । इस अवसर पर 85 वर्षीय बुजुर्ग घासी लाल जी मेघवाल का मेघवाल समाज एवं भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के सदस्य बाबूलाल बेरवा, भगवान जी रेगर एवं निर्मल देसाई के द्वारा उनके सामाजिक जीवन और संघर्ष के लिए उनका अभिनंदन किया घासीलाल जी मेघवाल ने अपने जीवन के अनुभव को सभी के सामने साझा किया
इस अवसर पर भंवर लाल मेघवाल ,सागरमल मेघवाल, सुरेश मेघवाल, लोकेश मेघवाल, जयराम मेघवाल भवानी शंकर मेघवाल, नारायण लाल मेघवाल, कालू लाल मेघवाल ,हजारीलाल मेघवाल ,प्रेमी बाई मेघवाल रामकन्या मेघवाल ,भगवानी बाई मेघवाल, गोपीभाई मेघवाल, प्रेमचंद मेघवाल ,मागणी राम मेघवाल, प्रभु लाल मेघवाल, श्रीलाल मेघवाल ,दिनेश मेघवाल, बंसीलाल मेघवाल, दलीचंद मेघवाल आदि उपस्थित रहे ।
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