चित्तौड़गढ़ 20 अगस्त। न्यायालय द्वारा 1 अगस्त 2024 को पारित निर्णय आरक्षण में कोटे में कोटे का अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा चित्तौड़गढ़ एवं वाल्मीकि पंचायत राजस्थान ने स्वागत किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित किया।
अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा, चित्तौड़गढ़ जिलाध्यक्ष राजेश लोठ ने बताया कि 1975 से पंजाब में मजहबी सिखों, वाल्मीकि समाज को अनुसूचित जाति में अलग से आरक्षण का प्रावधान था, लेकिन अन्य अनुसूचित जाति की जातियों ने इसका विरोध करते हुए न्यायालय में वाद दायर किया। 2004 से ही लेकर न्यायालय में यह प्रकरण विचाराधीन अधिनियम था।
पूर्व पार्षद दिलीप बेनीवाल ने बताया कि 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के वाल्मीकि समुदाय की मांगों को उचित मानते हुए उन्हें न्याय प्रदान किया तथा अपने निर्णय में अन्य राज्य सरकारों को भी उन जातियों को जो अनुसूचित जाति जनजाति में पिछड़ी है जिन्हें सरकारी नौकरियों में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, उन्हें अलग से कोटा देकर उनके साथ न्याय करें ।
वाल्मीकि महापंचायत राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शाखा के सदस्य निर्मल देसाई ने बताया कि संपूर्ण राजस्थान वाल्मीकि समाज सामुहिक रूप से निर्णय का स्वागत किया और राजस्थान सरकार से पंजाब की तरह ही राजस्थान में भी उन वंचित जातियों को कोटे में कोटा प्रदान कर उनके प्रतिनिधित्व को जगह प्रदान करने की मांग की।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीराज राठौड़, प्रहलाद बुरठ, संजय लोठ, जीवन कोदली, संतोष टांक, प्रभुलाल कंडारा, सुरेश कोदली, भेरूलाल कोदली, विकास, मांगीलाल, ओमप्रकाश, पंकज, विजय, अनिल, मोहित सहित कईं वाल्मीकि समाजजन उपस्थित रहे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






