रिपोर्ट : डी. पी.श्रीवास्तव/मनोज शर्मा
बहराइच राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहराइच में विवादों और भ्रष्टाचार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।इस बार मामला कार्यदेशक धर्मेंद्र कुमार का आया है। जो की पूर्व में बहराइच 103 नोडल में अनुदेशक के पद पर तैनात थे।जो कि दिनांक 15.03.2024 को पदोन्नति पाकर कार्यदेशक हो गए।निदेशालय प्रशिक्षण एवं सेवायोजन द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैसरगंज में इनका स्थानांतरण कर दिया गया। बावजूद ये बहराइच में ही डटे रहे।जिस बात को लेकर भाजपा जिला कार्य समिति के सदस्य धनलाल पांडे द्वारा प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ व अन्य को भेजे गए शिकायती पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया था कि धर्मेंद्र कुमार कार्यदेशक कैसरगंज औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नोडल प्राचार्या के आदेश पर बहराइच में ही संबंध होकर डटे हुए हैं।जबकि निदेशक द्वारा संबद्ध किए जाने का आपत्ति पत्र पूर्व में ही उत्तर प्रदेश के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान व संबंधित को भेज दिया गया था। और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी संबद्धता समाप्त किए जाने का आदेश पारित कर दिया गया था। श्री पांडे ने यह भी आरोप लगाया कि बावजूद नोडल प्राचार्या बहराइच द्वारा आदेशों का उल्लंघन कर धर्मेंद्र कुमार को बहराइच नोडल कार्यालय से ही संबद्ध कर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहराइच का अप्रेंटिस प्रभारी व सुरक्षा प्रभारी बना दिया गया।जबकि धर्मेंद्र कुमार पर लगातार आइजीआरएस पोर्टल पर धन वसूली के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।मालूम हो कि उक्त संबद्ध प्रकरण पदोन्नति के बाद भी नई तैनाती पर आनाकानी करने व आदेश का अनुपालन न करने वालों पर उच्च शिक्षा निदेशालय भी सख्त हो गया है।दिनांक 03.09.024 को संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉक्टर अर्पणा सिंह ने प्रदेश के सभी संबंधित राजकीय कॉलेज के तमाम कर्मचारियों के पदोन्नति व स्थानांतरण के बाद भी नवीन स्थलों पर नहीं जाने पर कर्मचारियों का वेतन रोकने की बात कही है।उक्त के संदर्भ में जब प्रिंसिपल कैसरगंज कमलेश रस्तोगी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र कुमार यहां ज्वाइनिंग ले चुके थे।बहराइच नोडल कार्यालय में कार्य की अधिकता को देखते हुवे उन्हें संबद्ध किया गया होगा।जब संबद्धता के आदेश पर रोक की बात उनसे पूछी गई तो कहा ऐसा कोई आदेश अभी इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।नोडल कार्यालय में आया हो तो हम नहीं कह सकते। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र कुमार ने कैसरगंज कार्यालय में 10.06.2024 को ज्वाइन कर लिया था।लेकिन यहां बड़ा सवाल यह भी है कि जब नोडल कार्यालय में कार्यों की अधिकता थी फिर 15.03.024 को धर्मेंद्र कुमार की पदोन्नति होने के बाद उन्हें 10.06.2024 को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैसरगंज में ज्वाइन करने की आवश्यकता क्यूं पड़ी?और अल्प समय में ही नोडल प्राचार्या द्वारा कार्यदेशक धर्मेंद्र कुमार को पुनः बहराइच में क्यूं संबद्ध करना पड़ा?फिलहाल मामला जो भी हो,संबंधित एक मामले में जिलाधिकारी द्वारा नोडल प्राचार्या से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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