प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के दामाद के और प्रमुख युवा उद्यमी का तीन दिन पूर्व दिल्ली से लौटते समय शहर में घुसते ही दो कारों में सवार बदमाशों ने अपहरण करने का प्रयास किया। बदमाशों की मंशा भांपते हुए उद्यमी के चालक ने कार को तेजी से दौड़ाते हुए शहर में लाकर एसएसपी आवास में घुसा दिया। पुलिस ने पीछा करती कार को घेरने का भी प्रयास किया, लेकिन कार सवार भाग निकले। युवा उद्यमी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला यूपी के मुजफ्फरनगर शहर का है। शहर के कोर्ट रोड साउथ सिविल लाइन निवासी युवा उद्यमी अमित प्रकाश ने तहरीर देकर बताया कि वे 20 दिसंबर को किसी काम से दिल्ली गए थे। देर रात वहां से लौटते समय रात करीब 10.30 बजे जैसे ही उनकी कार हाईवे से वहलना कट पर उतरकर शहर की तरफ बढ़ी, वहां पहले से खड़ी एक वैगन-आर अचानक उद्यमी की कार के आगे आ गई और उन्हें रोकने का प्रयास किया। युवा उद्यमी के अनुसार कार में कई संदिग्ध लोगों को बैठे देख कार न रोकने की बात कहकर सीधे चलने को कहा, जिस पर पीछे की तरफ से एक ओर स्विफ्ट कार वहां पहुंची और उनकी कार की घेराबंदी कर ली। खतरा भांपते हुए अमित प्रकाश के कार चालक ने किसी तरह कार को कच्चे में उतारकर दोनों कारों से आगे निकाल लिया और तेजी से शहर की तरफ चल दिया। आरोप है कि इसके बाद स्विफ्ट कार ने उद्यमी की कार का पीछा शुरू कर दिया। संदिग्ध कार को पीछा करते देख उद्यमी के चालक ने भी कार को दौड़ाना शुरू कर दिया और सरकुलर रोड से महावीर चौक होते हुए प्रकाश चौक तक जा पहुंचे। यहां तक भी कार सवारों द्वारा लगातार पीछा करते रहने पर भयभीत उद्यमी व उनके कार चालक ने कार को घर ले जाने के बजाए एसएसपी आवास की तरफ दौड़ा दिया और सीधे एसएसपी आवास में जा घुसे और शोर मचा दिया। इस पर आवास पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पीछा करती आ रही स्विफ्ट को घेरने का प्रयास किया, लेकिन बदमाश कार लेकर रेलवे रोड की तरफ फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित उद्यमी ने एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद सुरक्षा में उन्हें घर छोड़ा गया। एसएसपी के आदेश पर शहर कोतवाली पुलिस ने उद्यमी की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पिता योगेंद्र प्रकाश की अपहरण के बाद की गई थी हत्या
शहर के कोर्ट रोड निवासी अमित प्रकाश की कार का पीछा कर अपहरण की कोशिश संबंधी वारदात ने उनके पूरे परिवार के पुराने जख्म हरे कर दिए हैं। दरअसल, अमित प्रकाश के पिता योगेंद्र प्रकाश बड़े उद्यमी थे, जिनका पूर्व में अपहरण कर लिया गया था। सूत्रों के अनुसार उस समय योगेंद्र प्रकाश को छोड़ने के लिए बदमाशों द्वारा पहली बार ट्रेन से जनपद व आसपास क्षेत्र की सबसे बड़ी फिरौती वसूल की गई थी। फिरौती में पीड़ित परिवार को चलती ट्रेन से नोटों से भरे सूटकेस नरा व मंसूरपुर के बीच चयनित स्थान पर फेंकने थे। मामले में पीड़ित परिवार द्वारा फिरौती तो दे दी गई, लेकिन रकम बदमाशों तक नहीं पहुंची। नतीजतन अपहृत योगेंद्र प्रकाश की हत्या कर दी गई थी। यही कारण है कि अब अमित प्रकाश के अपहरण के प्रयास संबंधी घटना के बाद पूरा परिवार भयभीत है। एसएसपी से परिजनों ने सुरक्षा के साथ ही कार्रवाई की भी गुहार लगाई है।
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