डीजीपी ओपी ने कहा कि बुलंदशहर मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है. पहली एफआईआर गोकशी से जुड़ी हुई है. जबकि दूसरी एफआईआर पुलिस की तरफ से लिखी गई है, जिसमें हिंसा, बवाल और हत्या का मामला दर्ज है. इन दोनों ही मुकदमों में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद किया गया है. जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है. डीजीपी ने कहा कि यह मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा नहीं है. यह एक बड़ी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. यही वजह है कि मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई.डीजीपी ने कहा,”मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह घटना सिर्फ लॉ एंड आर्डर का हिस्सा नहीं है. यह किसी साजिश का भी हिस्सा है. हम अब रिवर्स पुलसिंग पर चलेंगे. अभी तक हम जांच पर चल रहे थे. हमें पता चला है कि इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश बात है. जो कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई है. आखिर क्या बात थी कि इस घटना के लिए 3 दिसंबर को ही चुना गया? क्यों गाय को काटा गया? उनके पीछे मंशा क्या थी? एक जगह गोमांस को क्यों रखा गया? इन सब चीजों पर हम विचार करेंगे. हमने अपनी एजेंसी को लगाया है. पहले साजिश का पता लगाना है और देखना है कि क्या वजह थी. इसे कानून व्यवस्था की घटना समझ कर छोड़ देंगे तो हम तह तक नहीं जा पाएंगे. मेरा पूरा प्रयास होगा इस घटना के पीछे कौन से तत्व थे जिन्होंने इस स्थान को चुना? उनकी क्या रणनीति थी? इन सब चीजों को बारीकी से जांच करेंगे और विश्लेषण के बात सही वजह का पता चलेगा. मैं समझता हूं यह मैं करने जा रहा हूं.”उन्होंने कहा,”माननीय मुख्यमंत्री जी ने हमारे कार्यों की समीक्षा की. वह भी चाहते हैं कि इस साजिश का पता चले. इस षड्यंत्र के पीछे कौन हैं? क्यों इस स्थान और तिथि को चुना गया? यह बहुत महत्वपूर्ण है. उससे पहले देखना होगा एक गोकशी की घटना क्यों हुई? इस घटना के पीछे कौन से तत्व थे? उस घटना को वहां पर लाकर क्यों अंजाम दिया गया? यह बहुत ही महत्वपूर्ण चीजें है. यह भी महत्वपूर्ण है कि अयोध्या में 6 दिसंबर के पहले इस दिन को चुना गया. इन सभी चीजों के लिए एजेंसियों को लगाया गया है. पूरे प्रकरण का पर्दाफाश करने के लिए कुछ लोगों को नामजद किया गया है. उन्हें गिरफ्तार का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए मैंने एसटीएफ और अन्य एजेंसियों को लगाया है. षड्यंत्र का पर्दाफाश करना बहुत जरूरी है. साजिश के पीछे कौन लोग थे उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.”
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