धानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत योजना) के लाभार्थियों की सूची में वाराणसी के उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रवींद्र जायसवाल और उनके परिवार के नाम से पीएम का पत्र आया। इसकी जानकारी मिलते के बाद विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भेजकर कहा कि इस योजना का लाभ किसी दूसरे पात्र को दिया जाए। वह अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य खर्च उठाने में सक्षम हैं। मंगलवार को उत्तरी विधानसभा कार्यालय में विधायक ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र में कांग्रेस और राज्य में बसपा सरकार में 2011 में सामाजिक आर्थिक जनगणना के दौरान सर्वे करने वालों ने उनका नाम सूची में डाला होगा। जिसके चलते यह पत्र आया है। इस सूची की जांच की जाए और जो पात्र न हो उन्हें बाहर किया जाए। इनकी जगह पात्रों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सतीश महाना और महापौर के नाम से भी पत्र आने की जानकारी मिली है।
साथ ही अन्य लोगों से भी अपील की है कि जो लोग सक्षम हैं वे इस योजना का लाभ न लें। उधर, महापौर मृदुला जायसवाल और पूर्व महापौर राम गोपाल मोहले ने कहा कि इस तरह का कोई पत्र नहीं आया है। यदि आएगा तो वापस कर दिया जाएगा। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बताया कि 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना की सूची में जिनका नाम था। उनके यहां पत्र गया है। सर्वे करने के दौरान ध्यान नहीं देने से इस प्रकार की दिक्कत आ रही है। आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। पूरे देश में एक साथ 23 सितंबर को पीएम ने इसे लांच किया था। मगर चिकित्सकों की मनमानी के चलते मरीजों को निराश होना पड़ रहा है। वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में अबतक ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब चिकित्सकों ने उपचार करने से मना कर दिया। आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने भी आता जा रहा है। एक ओर जहां फर्जी कागजात लगाकर गोल्डेन कार्ड बनवाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर योजना में आयुष्मान मित्र बनाने का नया खेल शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति को लेकर हर दिन फोन आने के साथ ही इसकी शिकायत भी पहुंच रही है। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए अब जिलेवार एक मॉनीटरिंग कमेटी का गठन करने की तैयारी चल रही है। मंडलीय अस्पताल में तो एक महीने में ऐसे 78 मामले पकड़े जा चुके हैं और उनका पंजीकरण निरस्त हो चुका है। अब आयुष्मान मित्र बनाए जाने के नाम पर ठगी हो रही है। कुछ जगहों पर तो युवकों से भर्ती के नाम पर मोटी रकम भी ले ली। इस तरह की अब तक दर्जनों शिकायत लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सीएमओ कार्यालय सहित अन्य जगहों पर पहुंच चुकी है। इसको देखते हुए सीएमओ कार्यालय, अस्पतालों सहित कई जगहों पर आयुष्मान मित्र के नाम पर कोई भर्ती न होने, विज्ञापन जारी न होने की नोटिस चस्पा कराया जा रहा है।
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