कानपुर शहर में अनधिकृत रूप से नियमों के विपरीत काटी जा रहीं कालोनियों को रोकने के लिए शासन ने कवायद शुरू की है। इसके लिए शासन ने केडीए और आवास विकास परिषद से उनके क्षेत्रों में बसी पांच-पांच सबसे बड़ी अनधिकृत कालोनियों (सोसाइटी क्षेत्रों) की सूची मांगी है। खास बात यह है कि शासन ने एक निर्धारित फार्मेट में कालोनी के बसने से लेकर वर्तमान स्वरूप की जानकारी मांगी है। केडीए और परिषद को आवास बंधु के निदेशक को यह जानकारी उपलब्ध करानी है। उनके जरिए शासन तक यह रिपोर्ट भेजी जाएगी। प्रदेश भर के सभी शहरों से यह सूचना एकत्र की जा रही है। शहर के बाहरी हिस्सों में जमकर बिना केडीए से ले-आउट पास कराए अवैध रूप से कालोनी काटी जा रही हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभागों के सुपरवाइजर और अभियंताओं की लापरवाही से दिनों दिन इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। कालोनी काटकर बेचने वाले निकल जाते हैं और इनमें जमीन खरीदने वाले परेशान होते हैं। शासन ने अनधिकृत कालोनियों को बसने से रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। इसी कड़ी में यह सूचनाएं मांगी गई हैं। 1. अवैध कालोनी का नाम और स्थिति
2. क्षेत्रफल
3. किस वर्ष में बसी
4. किसने बसाई, उसका नाम और पता
5. कालोनी बसने के बाद विकास शुल्क समेत अन्य शुल्कों के रूप में प्राधिकरण को हुआ नुकसान
6. कालोनी बसाने वाले प्रमोटर के खिलाफ की गई कार्यवाही
7. प्रमोटर के खिलाफ प्रस्तावित कार्यवाही
केडीए ने शासन के निर्देश पर बीते साल शहर में बसीं 152 अनियमित कालोनियों (सोसाइटी क्षेत्रों) का सर्वे कराया था। इसमें देहली सुजानपुर स्थित टीचर्स कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी सबसे बड़ी कालोनी मिली थी। करीब दो लाख वर्गमीटर जमीन पर बसी इस कालोनी में आठ हजार घर बने हैं। यशोदा नगर स्थित कृष्णा गृह निर्माण सोसाइटी में चार हजार मकान बने हैं। यह सोसाइटी 18 लाख 21 हजार 150 वर्गमीटर में बसी है। कुल 161 अनियमित कालोनियों में 152 का भू-उपयोग आवासीय पाया गया है।
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