(रिपोर्ट :डी0पी0श्रीवास्तव)
बहराइच। सहकारिता मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में इस समय अपराध चरम पर होने के साथ भू माफिया काफी सक्रिय नजर आने लगे है, जिसपर आग में घी डालने का काम थाना व तहसील के अधिकारियों की अपराधियो से साठ गांठ पूरा कर रहा है। जनपद के इस तहसील क्षेत्र कैसरगंज में बेलगाम अपराधियो को मानो कोई खौफ योगी सरकार का भी नही रहा। इसका नजारा गोड़हिया में देखा गया जहाँ वर्षो से बसे लोगो को पुलिस के सहयोग से उजाड़ कर भू माफियाओ द्वारा जबरन भूमि पर कब्जा कर जोत डाला गया रखे छप्परों को सरे आम आग के हवाले कर दिया गया। जिलाधिकारी के आदेशों को भी दर किनार कर जहाँ गरीबो को बेघर बार कर डाला गया वहीँ दर्जनों प्रार्थना पत्रों को जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रद्दी की टोकरी में डाल भू माफियाओ को विना किसी कागज के कब्जा करा दिया गया। ऐसा ही मामला थाना कैसरगंज से चन्द कदम की दूरी पर अभी भी देखने को मिल रहा है जहाँ सड़क और विद्यालयों की भूमि पर लगातार कब्जा करने की होड़ लगी है जबकि उस अवैध कब्जे को हटाने के लिए पूर्व जिलाधिकारी द्वारा भी कई बार एस डी एम एंव स्थानीय पुलिस को कहा गया था, पर उसका भी नतीजा सिफर रहा था। एस डी एम के कान में जू तक नहीं रेगा था। जिसका असर यह हुआ कि अवैध कब्जा हटने के बजाय बढ़ता ही गया और आज आलम यह है कि पहले जहाँ एक छप्पर था अब वहीँ दर्जनों छप्पर रख लिए गए, पर अब भी शायद तहसील प्रशासन को न तो कुछ दिख रहा और न ही इससे होने वाले आगामी गंभीर परिणामों के बारे में ही सोंचा जा रहा है। हाल यह है कि राजकीय कन्या इंटर कालेज कैसरगंज की बाउन्ड्री वाल से लगाकर सड़क तक कि छूटी जमीन पर एक युवक द्वारा छप्पर रख लिया गया जिसे जिला प्रशासन द्वारा एक बार हटवाया भी गया था पर तहसील प्रशासन की ढुलमुल नीति से वहाँ फिर छप्पर डाल दिया गया और अब तो बाकायदा विद्यालय के दोनों गेट पर दर्जनों छप्पर के साथ एक बड़ी दुकान भी निर्माण करा ली गयी जिसमे एक वकील समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने अपने लोगो को छप्पर रखवा कर अवैध कब्जा करा दिया। साथ ही उक्त युवक के लड़कों द्वारा कटिया लगा कर अवैध विद्युत जलाने के साथ आटा चक्की भी लगाने की प्लानिग शुरू कर दी गई है। पर क्या मजाल कोई प्रशासनिक अधिकारी हस्तक्षेप कर दे, इस तरह सड़क और विद्यालय के बीच जल निकासी के नालो और गड्ढो को मिट्टी से पाट कर उस पर भीअवैध कब्जा कर छात्राओ की मुसीबतों को और भी बढ़ा दिया गया है परिणामस्वरूप आये दिन इन छप्परों में बैठने वाले अराजक तत्वो के छीटा कशी का शिकार भी छात्राओं को बनना पड़ता है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। जब मुख्यमंत्री के अवैध कब्जा हटाओ अभियान में इन अवैध कब्जों को एस डी एम कैसरगंज हटवाने में कोई दिलचस्पी नही दिखाते तो भला अब कौन किसकी सुनेगा। इस कब्जे को हटवाने के लिए विद्यालय के जिम्मेदारों द्वारा भी कई बार लिखा पढ़ी की गई पर अधिकारियों की उदासीनता से अब विद्यालय के प्रधानाचार्य भी परेशान हो चुके है। वे कहते है भाई जंगल राज है कोई सुनने वाला नही अब शायद नई सरकार में ही अवैध कब्जों से मुक्ति मिल पाए। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि कैसरगंज की पुलिस और तहसील के अधिकारियों का कुछ राहतीतिज्ञों के कृपापात्र बन जाने के कारण इस छेत्र में न्याय नहीं हो पा रहा है। । यहाँ जो थानाध्यक्ष और एस डी एम करे और कहे वही सही,पीड़ितों का सुनने वाला कोई नहीं है। लोगों की माने तो यहाँ लोग शिकायत करते भी डर रहे हैं। इस तहसील छेत्र में इतना सब होने के बाद भी मानों सब चुप्पी साधे मौसम का रुख देखने को मजबूर हैं।
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