बस्ती। 26 अक्तूबर से लापता लालगंज थाने के बोकनार निवासी वीरेंद्र की पुरानी बस्ती के कड़र खास के पास शव मिलने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। परिवार और सगे संबंधियों के साथ काफी संख्या में लोग एसपी दफ्तर जा पहुंचे। संयोग से उसी समय एसपी दफ्तर में जैसे ही लालगंज एसओ दाखिल हुए, वैसे ही पुलिस के खिलाफ लोग नारेबाजी करने लगे। अचानक बदले घटनाक्रम को देखते हुए अपने-अपने दफ्तर में मौजूद सीओ सिटी आलोक कुमार सिंह व सीओ कलवारी अरविंद कुमार वर्मा क्यूआरटी टीम के साथ परिवार वालों के पास पहुंचे और जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाकर किसी तरह शांत किया। 
26 की शाम लालगंज थाना क्षेत्र के बोकनार निवासी वीरेन्द्र उपाध्याय (30) की मोबाइल पर किसी का फोन आया था, जिसके बाद वह घर से कहीं निकले। मगर किसी को नहीं बताया कि कहां और किसके साथ जा रहे हैं। पूरी रात घर न लौटने पर परिवार के लोग ढूंढने लगे पर पता नहीं चला। तब लालगंज थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराई गई। आरोप है कि पुलिस ने गुमशुदगी को गंभीरता से नहीं लिया और कोई खोज करने की कोशिश नहीं की। इसलिए उसकी हत्या करके लाश फेंक दी गई। जिसे बुधवार को पुरानी बस्ती पुलिस ने क्षेत्र के कड़र खास के गन्ने के एक खेत से बरामद किया था। शुक्रवार को परिवार के लोग थाने पर पहुंचे और पुलिस के पास रखा जनेऊ में बंधी चाबी व कपड़े से पहचान हो सकी। शिनाख्त बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसके बाद नाराज लोगों ने एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। थाने पहुंचे भाई बलराम उपाध्याय का कहना है कि वीरेन्द्र वहां कैसे पहुंचा? उसकी मौत कैसे हुई, इन सब सवालों का जवाब जब तक पुलिस ढूंढ नहीं लेती तब तक चैन नहीं आएगा। थानाध्यक्ष सर्वेश राय ने बताया कि घटना से जुड़े हर पहलुओं की छानबीन की जा रही है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






