इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) के वैज्ञानिकों की टीम ने राजधानी के प्रदूषण पर जो रिसर्च किया है, उसकी रिपोर्ट आपको डरने पर मजबूर कर देगी. जी हां, इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एयर पॉल्यूशन मानक से कहीं अधिक हैं. सबसे बुरा हाल तो राजधानी की पॉश कॉलोनी इंदिरानगर का है. आईआईटीआर की यह पोस्ट मॉनसून रिपोर्ट सितंबर-अक्टूबर के बीच सैम्पल लेकर तैयार की गई है.आईआईटीआर के चीफ साइंटिस्ट डॉ. एससी बर्मन की टीम ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है. पोस्ट मॉनसून रिपोर्ट में यह सामने आया है कि इंदिरानगर इलाके की आबो-हवा लगातार चौथे साल राजधानी में सबसे जहरीली है. रिपोर्ट के अनुसार राजधानी लखनऊ में पिछले साल के मुकाबले इस साल प्रदूषण बढ़ा है. टीम ने राजधानी के 9 क्षेत्रों से सैम्पल लिए. इसमें सामने आया कि पिछले साल पीएम 10 का औसत 196.6 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर था, जो इस बार बढ़कर 213.8 तक पहुंच चुका है. वहीं इसका मानक 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर होता है.वहीं पीएम 2.5 की बात करें तो पिछले साल यह 201.5 था, जो इस साल की रिपोर्ट में बढ़कर 105.2 हो गया है. टीम ने आवासीय क्षेत्रों के अंतर्गत इंदिरानगर, विकासनगर, गोमतीनगर, अलीगंज और व्यावसायिक क्षेत्रों के अंतर्गत आलमबाग, चौक, चारबाग, अमीनाबाद से सैम्पल लिए थे. इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में अमौसी से सैम्पल लिए गए. रिपोर्ट में सामने आया कि शहर के सभी स्थानों पर पीएम 10 और 2.5 दोनों ही नेशनल एमबियेंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड से कहीं अधिक हैं.आईआईटीआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि वायू प्रदूषण की वजह से समय से पहले मृत्यु, अस्थमा, तीव्र श्वसन विकार, फेफड़ों में दिक्कत, दिखाई देने में समस्या जैसी बीमारियां होती हैं. संस्थान अपनी यह रिपोर्ट राज्यपाल, मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को सौंपेगा जिससे इसमें दिए सुझाव पर काम किया जा सके.अलीगंज में पीएम 10 का औसत 202.4 और पीएम 2.5 का औसत 102.5
विकासनगर में पीएम 10 का औसत 207.1 और पीएम 2.5 का औसत 105.5
इंदिरागनर में पीएम 10 का औसत 226.8 और पीएम 2.5 का औसत 107.8
गोमतीनगर में पीएम 10 का औसत 196.5 और पीएम 2.5 का औसत 96.8
चारबाग में पीएम 10 का औसत 219.1 और पीएम 2.5 का औसत 116.8
आलमबाग में पीएम 10 का औसत 224.8 और पीएम 2.5 का औसत 108.1
अमीनाबाद में पीएम 10 का औसत 189.0 और पीएम 2.5 का औसत 91.7
चौक में पीएम 10 का औसत 206.4 और पीएम 2.5 का औसत 102.2
अमौसी में पीएम 10 का औसत 223.3 और पीएम 2.5 का औसत 107.7
यह हैं प्रदूषण बढ़ने के कारण:
– विंड विलॉसिटी कम होने की वजह से प्रदूषक तत्वों का जमीन की सतह के पास रह जाना
– सड़क किनारे की धूल का हवा में मिलना
– गाड़ियों से निकलने वाला धुआं
– अपशिष्ट का खुले में जलाया जाना
– जेनरेटर सेट्स का धुआं
रिपोर्ट के साथ संस्थान ने दिये यह सुझाव:
– मेजर ट्रैफिक प्वॉइंट्स पर हेवी डस्ट रिमूवल सिस्टम लगवाया जाना
– शहर की प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण हो और अतिक्रमण हटाया जाए
– पैदल यात्रियों के लिए फिर से फुटपाथ बनें, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार किया जाए
– निजी वाहनों का इस्तेमाल घटाने के लिए भीड़भाड़ वाले इलाकों में पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाए
– पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए
– शहर के मध्य क्षेत्र से भीड़ कम करने के लिए परिधीय क्षेत्र में सभी सुविधाओं युक्त आवासीय परिसरों का विकास
– शहर के अंदर यातायात कम करने के लिए बाहर जाने वाले राजमार्गों पर बस अड्डों का निर्माण
– सूखे पत्ते, टायर या अन्य ठोस कचरे के उचित निस्तारण की व्यवस्था और उसे जलाने पर प्रतिबंध
– शहर में सीएनजी फिलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना
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