अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई एक बार फिर टलने पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी निराशा जताई है. सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि उसे पूरा यकीन था कि देश की सबसे बड़ी अदालत इस मामले में अब और इंतजार नहीं कराएगी और डेटूडे बेसिस पर सुनवाई कर जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा कर देगी.वक्फ बोर्ड के मेंबर और यूपी बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन इमरान माबूद खान के मुताबिक़ इस मामले में फैसला किसी के भी हक़ में आए, लेकिन अब जल्द से जल्द सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए. उनके मुताबिक़ इस मामले में अब और ज़्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे न सिर्फ करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, बल्कि देश के अमन को भी खतरा बना रहता है.सुनवाई टलने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के मेंबर इमरान माबूद खान ने इलाहाबाद में कहा कि इस बार की सुनवाई केंद्र सरकार की वजह से टली है. हमेशा यह इल्जाम लगता था कि वक्फ बोर्ड तारीखें लेकर सुनवाई को टलवा रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था. वक्फ बोर्ड चाहता है कि जनवरी में सुनवाई शुरू होने पर इसे डेटूडे बेसिस पर किया जाए और लोकसभा चुनाव से पहले ही फैसला भी सुना दिया जाए. उनके मुताबिक़ चुनाव से ठीक पहले सुनवाई टलने की वजह से इस मामले में सियासी पार्टियों को फिर से अपनी रोटियां सेंकने का मौका मिल जाएगा.बता दें कि देश में राम मंदिर निर्माण पर जारी बहस के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दिया है. आज मामला जैसे ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के सामने आया, चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले को जनवरी में उपयुक्त बेंच के सामने लाया जाए. जनवरी में यही बेंच सुनवाई करेगी या नहीं ये अभी तय नहीं है. यह चीफ जस्टिस पर निर्भर करता है कि वो नई बेंच बनाते हैं या नहीं.आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम जोसफ की पीठ 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बैठी थी. आज की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद साफ हो गया कि रोजाना सुनवाई की तारीख आने में अभी और समय लगेगा.
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