उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 25 से 27 अक्टूबर तक तीन दिन होने वाली हड़ताल स्थगित हो गई है. मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुलाकात के बाद पेंशन बहाली मंच ने ये फैसला लिया है. कर्मचारियों ने सरकार को 24 दिसंबर तक का समय दिया है.पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकशोर तिवारी ने बताया कि चूंकि मामले में सरकार की तरफ से एक आठ सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. ये कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, लिहाजा मंच ने तय किया है कि 24 दिसंबर तक हड़ताल को स्थगित कर दिया जाए. इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद रणनीति तय की जाएगी. अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आता है तो हड़ताल भी होगी और चुनाव में कर्मचारी बीजेपी का विरोध भी करेंगे.उधर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के इस रुख से राहत सांस ली है. बता दें अभी तक कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली को लेकर अड़े हुए थे. उधर यूपी सरकार लगातार हड़ताल को रोकने के लिए प्रयास कर रही थी. मामले में मुख्य सचिव व आला अधिकारियों से कर्मचारी नेताओं की कई दौर की मुलाकात हुई लेकिन बात नहीं बनी.आखिरकार मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दखल दी और कर्मचारी नेताओं को मुलाकात के लिए बुधवार को अपने आवास पर बुलाया. बैठक में सीएम योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने 8 सदस्यीय समिति बनाई.मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के संज्ञान में लाया गया है कि नई पेंशन व्यवस्था के क्रियान्वयन में अ रही कठिनाइयों और इसके अंतर्गत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद लाभ स्पष्ट नहीं हैं. यही नहीं इस प्रणाली के लागू होने के कई साल बाद भी अनिश्चितता बनी हुई है. कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि 1 अप्रैल 2005 से पूर्व की तरह सुनिश्चित पेंशन का लाभ मिलना चाहिए. इस पूर्ण स्थिति की समीक्षा की जाए.मुख्य सचिव के अनुसार राज्य सरकार ने कर्मचारियों की इस मांग पर 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इसमें अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक अध्यक्ष होंगे. वहीं अध्यक्ष, पीएफआरडीए, अपर मुख्य सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव न्याय, निदेशक, पेंशन सदस्य होंगे. वहीं डॉ दिनेश चंद्र शर्मा और हरि किशोर तिवारी विशेष आम़ंत्रित सदस्य होंगे. साथ ही कहा गया है कि समिति जरूरत के हिसाब से अन्य लोगों को भी आमंत्रित कर सकेगी. यह समिति कर्मचारी संगठनों और सभी हित धारकों से विचार विमर्श कर दो महीने में अपनी संस्तुति उपलब्ध कराएगी.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






