उत्तर प्रदेश में राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत तेज हो गई है. तमाम संगठनों, नेताओं और साधु-संतों की तरफ से बयानबाजी का दौर चल रहा है. इसी बीच वाराणसी में राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय चिंतक गोविंदाचार्य ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर की तरह कानून लाकर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए.राम मंदिर निर्माण पर न्यूज 18 से बोले राष्ट्रीय चिंतक गोविंदाचार्य कि वह रामजन्म भूमि के संदर्भ में 1988 से आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने दो तरीके आजमाए. एक संवाद, दूसरा न्यायपालिका. उन्हें तब भी लग रहा था कि ये दोनों ही निष्फल होंगे. गोविंदाचार्य ने कहा कि संवाद में यदि नियत ठीक न हो तो संवाद फलदायी नहीं होता. उन्होंने कहा कि उनको यही अनुभव 1990 में आया. उन्होंने उस समय मुस्लिम समुदाय के नेताओ से बात की थी. इसमें उनकी कठदलीली और जिद है. उनका तर्क नहीं है, कुतर्क है.गोविंदाचार्य ने कहा कि राम मंदिर मुद्दा न्यायपालिका का विषय में नहीं आ सकता. ये न्यायालय के दायरे के बाहर का मुद्दा. कोई ये तो नहीं कहेगा कि राम कहां पैदा हुए थे. ये न्याय पालिका सिद्ध करे. गोविंदाचार्य ने कहा कि कानून बनाकर सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण हो. ये ही समाधान का रास्ता है. उन्होंने कहा कि इस सरकार के रहते बन जाए राम मंदिर तो मैं खुश हो जाऊंगा. वहीं प्रवीण तोगड़िया के धरने पर गोविंदाचार्य ने कहा कि भारत के नागरिक को संविधान मानते हुए हर कोई कदम गतिविधि का अधिकार है.
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