Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Monday, March 24, 2025 12:04:07 PM

वीडियो देखें

फाल्स स्मेठ (झूठा कंडुवा) रोग के निदान के लिए बीजशोधन आवश्यक

फाल्स स्मेठ (झूठा कंडुवा) रोग के निदान के लिए बीजशोधन आवश्यक

बहराइच 17 अक्टूबर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में धान की फसल में बालियाॅ निकल रही हैं। जबकि कुछ अगेती प्रजातियों में बालियाॅ निकल चुकी हैं। ऐसे समय में फाल्स स्मेठ (झूठा कंडुवा) रोग लगने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि फसल में इस रोग के लगने की दशा में दाने की जगह पीला/काला/भूरा रंग का फफॅूद लग जाता है जिसके कारण दाने नहीं बन पाते हैं और फसल के उत्पादन में भारी कमी आती है। श्री वर्मा ने बताया कि फाल्स स्मेठ (झूठा कंडुवा) एक बीजजनित रोग है जिसके लगने का मुख्य कारण बीजो का बीजशोधन न किया जाना है। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि इस रोग के लक्षण दिखायी देने की दशा में किसान भाई रोग से ग्रसित बालियों को काटकर अलग कर दें और काटी गयी बालियों को ज़मीन में गढ्ढा खोदकर दबा दें। उन्होंने बताया कि फसल में कृषि रक्षा रसायन प्रोपीकोनाजोल 25 प्रतिशत या हेक्साकोनाजोल 25 प्रतिशत की 500 मि.ली. मात्रा 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें और फसलों की निरन्तर रूप से निगरानी भी करते रहें। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि धान की बालियाॅ निकलने के समय जब दाने बनते हैं उससे पहले उसमें रस का निर्माण होता है। रस बनने के समय गंधी बग कीट का प्रकोप बहुतायत देखा जाता है। उन्होंने बताया कि गंधी बग कीट हरे रंग के होते हैं और ये कीट रस को चूस लेते हैं। जिससे दाने नहीं बन पाते हैं। दाने न बनने के कारण खोखला रह जाता है और उत्पादन कम हो जाता है। इस रोग की दशा में किसानों को मैलाथियान 5 प्रतिशत पाउडर 25 कि.ग्रा./हेक्टेयर की दर से सुबह 08ः00 बजे से पहले दिड़काव करना चाहिए इससे कीट का प्रकोप रूक जाता है।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *