बहराइच( शादाब हुसैन)। कलेक्ट्रेट प्रांगण मे जिला प्रोबेशन कार्यालय मे तैनात केस वर्कर/प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी वीरेन्द्र प्रताप वर्मा की कार्यप्रणाली से तंग आकर गत दिनों विभागीय दो स्थायी कर्मचारियों जिलाधिकारी से मिलकर लिखित शिकायत की थी। इस बारे मे जब इस संवाददाता ने फोन पर श्री वर्मा से सम्पर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा तो पहले उन्होने टालने का प्रयास किया। फिर वह उल्टे यह समझाते हुए कि वह भी कई वर्षों तक पत्रकारिता कर चुके हैं। इसलिए ऐसी खबरों का कोई महत्व नही है। फिर जब इस संवाददाता ने सवाल किया तो वह भड़क उठे और कहा कि मैं विभाग का अधिकारी हूं किससे क्या काम और कैसे लेना है यह फैसला हमें करना है। इसके जवाब मे संवाददाता ने कहा कि कौन खबर महत्वपूर्ण है और कौन नही,यह मेरा काम है। मालूम हो कि विभागीय दो कर्मचारियों लोटन कुमार साहा व उर्दू अनुवादक श्रीमती शब्बो बेगम ने जिलाधिकारी से अपने अधिकारी द्बारा अपमानित,उत्पीड़न व अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी। इस तहरीर मे कहा गया था कि केस वर्कर/प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री वर्मा द्बारा एक कर्मचारी को धमकाया भी गया है। इन पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि श्री वर्मा सेवा प्रदाता/संविदा कर्मियों को बढ़ावा दे रहे हैं और उन्ही के सामने हम लोगों को अपमानित करते हैं। जो कतई बर्ताश्त नही किया जायेगा। इन कर्मचारियों का कहना है कि हम लोग पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरे समय कार्यालय मे मौजूद रहकर कार्य सम्पादित करते हैं। इसके बावजूद वह क्या चाहते हैं। जानकारी के अनुसार श्री वर्मा ने उपस्थित पंजिका व डिस्पैच रजिस्टर जबरन अपने पास रख लिया। जिसे लेकर इन कर्मचारियों का कहना है कि ऐसे मे हम लोगों के विरूध कोई भी साजिश की जा सकती है। बहरहाल जब इस प्रकरण को लेकर उनका पक्ष जानने हेतु जब एक पत्रकार से वार्ता करते हुए श्री वर्मा का रवैया तानाशाही व धमकाने के अन्दाज वाला रहा तो फिर वह अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से उनका रवैया कैसे रहता होगा,इसका अन्दाजा स्वयं लगाया जा सकता है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






