( रिपोर्ट : शादाब हुसैन )ताजमहल में वीवीआई विजिट के कारण चार घंटे से अधिक के इंतजार के बाद भी जब ताज के दीदार की आस पूरी नहीं हुई तो पर्यटकों के सब्र का बांध टूट गया। उनका गुस्सा फूट पड़ा। कुछ पर्यटकों ने पश्चिमी गेट की टिकट विंडों के शीशे और लोहे के रॉड तोड़ दिए। भीड़ को काबू में करने के लिए पीएसी को भी बुलाना पड़ा। रविवार को उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति के अवलोकन के लिए आने के कारण ताजमहल में सुबह 10:25 बजे से 2:25 बजे तक पर्यटकों का प्रवेश बंद किया गया था। हालांकि राष्ट्रपति का दौरा 40 मिनट का ही रहा, लेकिन उनके जाने के बाद भी गेटों को नहीं खोला गया। दोपहर ढाई बजे जब गेट खोले गए तब तक पूर्वी और पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की अत्यधिक भीड़ जमा हो चुकी थी। तेज धूप में इंतजार से पर्यटक परेशान हो चुके थे। इसके बाद गेटों पर प्रवेश के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ी। शाम चार बजे के बाद पश्चिमी गेट पर पांच हजार से ज्यादा पर्यटकों की भीड़ जमा हो गई। इनमें सुरक्षा प्रहरी की परीक्षा देने आए सैकड़ों परीक्षार्थी भी शामिल थे। सुरक्षा जांच में भी समय लग रहा था। टिकट खिड़कियों पर भी लंबी लाइनें लगी हुई थीं। ताजमहल के बंद होने का समय आया तो सैकड़ों की संख्या में लोगों को प्रवेश नहीं मिल सका। घंटों से इंतजार के बाद भी ताज नहीं देख पाने से झल्लाए पर्यटकों ने टिकट विंडो पर अपना गुस्सा उतारा। उन्होंने कांच तोड़ डाले और लोहे की रेलिंग के रॉड उखाड़ फेंके। हंगामा बढ़ने पर ताज सुरक्षा, पर्यटन व ताजगंज पुलिस के साथ ही पीएसी के जवानों को बुलाया गया। तब जाकर हंगामा काबू में आया।
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