डी0पी0श्रीवास्तव
बहराइच। बीते चंद रोज पहले स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर भले ही मीडिया और शाशन का प्रशाशनिक तंत्र छाती ठोंक ठोंक कर चिल्ला रहा हो कि पौधारोपण के महाभियान में वन विभाग सहित 26 विभागों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुवे लगभग 18,24,023 लाख पौधरोपण कर पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये गये हैं, तो ये मीडिया की चाटुकारिता व प्रशाशन के नकारेपन से ज्यादा कुछ भी साबित होता दिखाई नहीं दे रहा। जिसे कई लोगों द्वारा केंद्र में मोदी व प्रदेश में योगी सरकार पर परोछ रूप से बड़ा हमला भी माना जा रहा है। इसी क्रम को यदि हम और आगे बढ़ाएं तो इस जिले में समय समय पर पहले भी लाखों पौधे रोपित करने की बातें सरकारी तंत्र द्वारा फैलाईं जाती रही हैं,जबकि सच्चाई यह है कि रोपित किये गए पौधों में ज्यादातर पौधों का जमीनी स्तत्व न होने के बाद भी यहाँ के वन विभाग सहित हर जिम्मेदार अधिकारी योगी की नजर में अपना अपना सीना ठोंकने से बाज नहीं आता। और इस बार भी वन विभाग और अधिकारियों के नकारेपन का हाल यह रहा कि बड़ी बेशर्मी के साथ जिले में 18,24,023 पौधों को रोपित किये जाने का एजेंडा आंकड़ो का रजिस्टर भर कर सरकारी घराने में फेंक दिया गया। जिस बात को यहाँ की आवाम भी मानने को तैयार नहीं है और पूछने पर यही कहती है कि”भइया बड़े लोगों की बड़ी बात”। हालाँकि पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री बनाये गए स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा अपने सहयोगी विधायकों,पदाधिकारियों,सदस्यगढ़ो व अधिकारियों की मौजूदगी में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पौधरोपित किये जाने के दौरान भले ही 12,61, 89 पौधों के रोपित किये जाने की बात सुन मुग्ध होते रहे हों लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर नजर आ रही थी। वह भी तब जब उ0प्र0 के राज्यपाल राम नाईक ने वन विभाग के अधिकारियों को पहले ही आगाह किया था कि वृच्छा रोपण कार्यक्रम का हश्र वैसा न हो जैसे कि अभी तक होता रहा है। क्योंकि वे भी यही मानते हैं कि ऐसे मामलों में कार्यक्रमों का आयोजन कर वृछ तो लगा दिये जाते हैं लेकिन बाद में होने वाले उपेच्छाओं के कारण रोपित किये गये पौधों की बाल मृत्यु हो जाती है और अगले वर्ष पुनः उसी स्थल पर पौधा रोपण कर लोगों को गुमराह किया जाता है। अब लोगों द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि जिले में जो 18 लाख से ऊपर पौधे रोपित किये जाने की झूठी अफवाह आवाम के बीच फैलाई जा रही है यदि उसका योगी जी द्वारा जमीनी सत्यापन करा लिया जाय तो अधिकारियों के साथ साथ न जाने कितने नेताओं के पसीने छूट जायेंगे। उक्त के सन्दर्भ में जब बहराइच डी0एफ0ओ0 आर0पी0सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा वन विभाग द्वारा जो 9 लाख से ऊपर पौधें लगवाये गए हैं वह लगभग सही हैं और जो अन्य विभागों द्वारा आंकड़े प्रस्तुत किये गए हैं वह उनके द्वारा दी गई रोपोर्ट के आधार पर दिए गए हैं। उन्होंने कहा मैं बाकी विभागों का नोडल अधिकारी जरूर था जो की जिलाधिकारी के अधिकार छेत्र में आता था। लेकिन ज्यादातर विभागों द्वारा पौधा रोपण के जो कागजी रिपोर्ट प्रस्तुत किये गए थे पूछने पर उनके पास भी सही जवाब नहीं था
मालूम हो कि वन विभाग द्वारा अपनी नर्सरियों से जो सप्लाई दिखाई जा रही है वह भी संदिग्धता के दायरे में ही आते हैं क्योंकि इनकी ज्यादातर नर्सरियों में पंचभूतत्व व फलदार वृछों को नहीं देखा जाता और जो वृच्छा रोपण करवाया गया है उसमें निष्प्रयोजित खर पतवार वाले पौधों की सप्लाई देकर कार्यों को अंजाम दिया गया है जो की लगने के 12 घंटे के अंतराल पर ही सूख जाता है। और तो और ज्यादातर पौधों के तो अवशेष भी ढूंढे नहीं मिलते। इस तरह वृच्छा रोपण कार्यक्रम में ज्यादातर जनउपयोगी पौधों का उपयोग न कर किसी तरह खानापूर्ति कर सरकारी धन का बंदरबांट कर किसी न किसी रूप में अधिकारियों द्वारा देश के प्रधान मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री के संकल्पों को गुमराह कर मानो सिर्फ कागजों में इतिहास रचने का कार्य किया गया हो।
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