राम मंदिर आंदोलन को लेकर कभी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का झंडा बुलंद करने वाले डॉ प्रवीण तोगड़िया एक बार फिर अपने संगठन अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद से आंदोलन की राह पर हैं. गुजरात में हुए हमले के बाद 14 जून 2018 को विश्व हिंदू परिषद से खुद को अलग करने वाले प्रवीण तोगड़िया अब राम मंदिर आंदोलन को एक बार फिर धार देकर विहिप और बीजेपी के सामने नई चुनौती पेश करने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्होंने लखनऊ से अयोध्या कूच का ऐलान किया है. उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए 21 अक्टूबर को अयोध्या कूच किया जाएगा.फायरब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि चार साल में केंद्र सरकार ने राम मंदिर पर कोई चर्चा तक नहीं की. उन्होंने कहा कि बीजेपी को करोड़ों हिंदुओं ने वोट किया लेकिन बहुमत मिलते ही वह मुस्लिम महिलाओं की हितैशी बन गई और ट्रिपल तलाक पर कानून बना रही है. तोगड़िया ने कहा कि करोड़ों हिन्दुओं के वोट से बहुमत में आई बीजेपी ने एक बार भी राम मंदिर का मुद्दा सदन में नहीं उठाया.तोगड़िया का कहना था कि अगर राम मंदिर कोर्ट के आदेश से ही बनना था तो राम मंदिर आंदोलन की क्या जरूरत थी. जब भगवान श्रीराम के सहारे सत्ता पर आए तो कानून बनाना चाहिए था. उनका कहना था कि चार साल का वक्त गुजर गया. जो भी वादे किए थे वो पूरे नहीं हुए. केंद्र सरकार के वादे के अनुसार विजयादशमी तक कानून बनाए. उन्होंने कहा कि आज तक सभी प्रधानमंत्री राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी ने राम मंदिर की चर्चा की थी. यह (नरेंद्र मोदी) पहले प्रधानमंत्री हैं जो राम मंदिर के नाम पर सत्ता में आए हैं और आने के पहले और बाद में अयोध्या में रामलला के दर्शन तक नहीं किए हैं. साढ़े चार वर्षों में एक बार भी राम मंदिर के लिए बात भी नहीं की है.तोगड़िया ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून बने ताकि 100 करोड़ हिन्दुओं के राम राज्य का सपना पूरा हो, इसके लिए 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच किया जाएगा.तोगड़िया के अयोध्या कूच से असमंजस में योगी सरकार
तोगड़िया की सक्रियता और अयोध्या कूच के ऐलान से जहां विहिप भी मुश्किल में है, वहीं प्रदेश की योगी सरकार भी असहज दिखाई दे रही है. 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच के ऐलान के बाद शासन-प्रशासन के लिए डॉ प्रवीण तोगड़िया चुनौती जरूर बनेंगे. अब देखना यह होगा कि शासन प्रवीण तोगड़िया को लखनऊ में ही रोकता है या फिर अयोध्या पहुंचने पर जिला प्रशासन घेराबंदी करती है. इतना तो तय है कि प्रवीण तोगड़िया राम मंदिर को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार को असहज जरूर करेंगे. राम मंदिर आंदोलन को लेकर प्रवीण तोगड़िया के ऐलान पर प्रदेश सरकार धर्म संकट में है. क्योंकि राम मंदिर को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार भी सत्ता में आई है और राम मंदिर को लेकर ही प्रवीण तोगड़िया आंदोलन की राह पर हैं.
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