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Thursday, March 27, 2025 12:52:08 AM

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मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने में मददगार होगी ड्रोन टेक्नालोजी: रमेश पाण्डेय

मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने में मददगार होगी ड्रोन टेक्नालोजी: रमेश पाण्डेय

बहराइच 23 अगस्त। कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार अन्तर्गत विगत 16 अगस्त 2018 को हुए तेन्दुए के हमले में छात्रा की मृत्यु के दृष्टिगत दुधवा टाईगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर पहली बार कतर्नियाघाट में ड्रोन कैमरे की मदद ली गयी। फील्ड डायरेक्टर श्री पाण्डेय के कुशल नेतृत्व में दुधवा नेशनल पार्क के वन्य जीव प्रतिपालक दुधवा अमरेश कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षित दल ने तेंदुए की तलाश के लिए गुलरा गांव के आसपास खेतों को ड्रोन कैमरे की मदद से खंगाला। श्री पाण्डेय ने बताया कि मानव वन्य जीव संघर्ष के लिए चिन्हित क्षेत्रों के निवासियों के मोबाइल नम्बरों रिलायंस फाउण्डेशन के सहयोग से एसएमएस के माध्यम से सन्देश प्रसारित कर उन्हें आगाह किया जा रहा है कि ‘‘आप के घरों के आस-पास तेन्दुआ घूम रहा है। तेन्दुऐ से अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आपसे अनुरोध है कि तेन्दुआ अगर आपके खेत अथवा गांव में दिखाई दे, तो तत्काल वन विभाग के टोल फ्री नम्बर 1926 और पुलिस के टोल फ्री नम्बर 100 पर सूचना दें। उन्होंने बताया कि एसएमएस के माध्यम से ग्रामवासियों से यह भी अपील की जा रही है कि अपनी जान-व-माल की हिफाज़त के लिए शौच हेतु अपने घरों में बने शौचालय का ही प्रयोग कर वन्य एवं वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोग प्रदान करें। फील्ड डायरेक्टर दुधवा श्री पाण्डेय ने बताया कि अब तक कतर्नियाघाट रेन्ज अन्तर्गत गुलरा बाजपुर बनकटी के 88, बिशनकण्डा के 73 तथा वन क्षेत्र निशानागाढ़ा अन्तर्गत 103 लोगों के मोाबाइल नम्बर रिलान्यस फाउण्डेशन द्वारा पंजीकृत किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार के आस-पास के ग्रामों के अधिक से अधिक ग्रामवासियों केे मोबाइल नम्बर पंजीकृत कराये जायें। श्री पाण्डेय ने बताया कि इसके अलावा हमलावर तेंदुए की तलाश में डब्लू.डब्लू.एफ. के सहयोग से प्रभावित क्षेत्र में कई कैमरे तथा दो अदद पिंजरे भी स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि डब्लू.डब्लू.एफ. द्वारा प्रदत्त तात्कालिक सहायता धनराशि के रूप में पीड़ित परिवार को रू. 10000=00 का चेक भी प्रभागीय वनाधिकारी जी.पी. सिंह एंव डब्लू डब्लू एफ के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में वन्य जीव प्रतिपालक गिरिजापुरी यशवंत को कैम्प करने के निर्देश दिये गये हैं साथ ही वन, एसएसबी तथा एसटीपीएफ के जवानों द्वारा संयुक्त रूप से रात दिन गश्त भी की जा रही है। मानव वन्य जीव संघर्ष को न्यून से न्यूनतम किये जाने के उद्देश्य से प्रभावित क्षेत्र गुलरा, बाजपुर बनकटी एंव कारीकोट में पर्चे एवं पोस्टर का वितरण कर लोगों को जागरूक करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों, डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन तथा जन्तु विज्ञानी आशीष बिष्ट द्वारा जागरूकता बैठकें आयोजित कर लोगों को वन्य जीवों के व्यवहार तथा सावधानियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डब्लूडब्लूएफ के जन्तु विज्ञानी आशीष बिष्ट द्वारा तेंदुए के ट्रैक का मैप भी तैयार किया गया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि इस ऑपरेशन में प्रभागीय वनाधिकारी जी.पी. सिंह, डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन, वन्य जीव प्रतिपालक गिरिजापुरी यशवंत, क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट पीयूष मोहन, वन दरोगा अनिल कुमार, वन दरोगा अशफाक खान, वन रक्षक कौशल किशोर सिंह, वन रक्षक फिरोज आलम खान, डब्लू डब्लू एफ के फील्ड सहायक मंसूर अली, वाचर असगर, छोटे एंव रामनाथ लगाए गए हैं।

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