Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Monday, February 17, 2025 7:58:04 AM

वीडियो देखें

न्याय न मिला तो आत्मदाह करूँगा -मो0 शफ़ीक़

न्याय न मिला तो आत्मदाह करूँगा -मो0 शफ़ीक़

(रिपोर्ट :डी0पी0श्रीवास्तव) बहराइच। ये भी कैसी विडम्बना है कि जहाँ एक ओर उ0 प्र0 सरकार के आदेशों का संज्ञान लेते हुए तहसील व समाधान दिवसों में अधिकारियो द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही करने के निर्देश दिए जा रहे हैं वही दूसरी ओर फ़र्ज़ी अभिलेखों के सहारे एक महिला द्वारा नौकरी किये जाने को लेकर वर्षो से लगातार शिकायत किये जाने के बावजूद इन्ही अधिकारियों के दोहरे बर्ताव के कारण कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खेल पर खेल किये जा रहे है। मालूम हो कि परवीन रहमान पत्नी मो0 राईस खां द्वारा विगत कई वर्षो से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में ब्लॉक चित्तौरा बहराइच में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में कार्य किया जा रहा है लेकिन मामला आरोपो के घेरे में तब आया जब नगर के ही मो0 चांदपुर निवासी व लोक जन शक्ति पार्टी के मंडल महामंत्री मो0शफ़ीक़ द्वारा उक्त महिला के जमा करवाये गए अभिलेखों पर लगातार सवाल पर सवाल उठाये जाने लगे। श्री शफ़ीक़ द्वारा सन 2013 से लेकर अब तक समय- समय पर प्रशासन व शाशन स्तर तक शिकायत किये जाने व स्वयं उच्चाधिकारियों से मिलकर शिकायत किये जाने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर मामले को सिर्फ एक पाले से दूसरे पाले में फेंकने का मानो खेल ही खेला जाता रहा हो। हालांकि मामले को लेकर पूर्व में भी तरूणमित्र द्वारा शीर्षक बाल पुष्टाहार मंत्री के गृह जनपद में फ़र्ज़ी नौकरी किये जाने का खुलासा के माध्यम से खबर का प्रकाशन किया था जिसका संज्ञान स्वयं जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव द्वारा लेते हुए जांच के आदेश भी दिए गए थे लेकिन जांच अधिकारियों की हठवादिता व लापरवाही का आलम ये रहा की मामले में तमाम साक्ष्यो के बाद भी जांच के नाम पर लीपापोती ही किया जाता रहा। संदर्भित प्रकरण को लेकर जब हमारे जिला प्रभारी द्वारा शिकायतकर्ता मो0 शफ़ीक़ से मुलाकात कर जानकारी ली गयी तो उन्होंने सम्पूर्ण मामले में मामले से सम्बंधित उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि इन्ही अधिकारियों के दम पर उक्त कार्यकत्री वर्ष 1988 से फ़र्ज़ी तरीके से नौकरी करती चली आ रहीं है नियमावली में भी उसके द्वारा अपने पति को बेरोजगार व खुद को सिलाई का काम करने के साथ-साथ गरीब बताते हुए सम्बंधित क्षेत्र का स्थायी निवासिनी बताया था। जबकि न तो वह वहां की स्थायी निवासिनी थी और न ही उसका पति बेरोजगार है। श्री शफ़ीक़ ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आते ही जब मैने कार्यवाही शुरू की तो इनके द्वारा 2013 में एक सहायिका के यहाँ चलरहे केंद्र पर ही सहायिका से 1 बिसवा जमीन खरीदकर बैनामा करवाते हुए 1कमरा खड़ा कर दिया गया। श्री शफ़ीक़ ने ये भी बताया कि जब हमारी शिकायत पर बाल पुष्टाहार निदेशक लखनऊ द्वारा सी डी पी ओ बहराइच से उपस्थित होकर मामले में स्पष्टीकरण देने की बात कही गयी तो उन्होंने स्वयं उपस्थित न होकर कार्यकत्री से ही ऑनलाइन स्पष्टीकरण मांगकर फ़र्ज़ी दस्तावेजो को उपलब्ध करवाते हुए उन्हें भी गुमराह कर दिया। हालाँकि04-04-2018 को उपजिलाधिकारी के यहाँ से पुनः जारी एक निवास प्रमाणपत्र पर भी जब श्री शफ़ीक़ द्वारा 05-04-2018 को अपील दाखिल की गयी तो जांच में लेखपाल द्वारा जब जारी प्रमाणपत्र को निरस्त होने योग्य बताया गया तो तहसीलदार द्वारा जांच को नायब तहसीलदार के पाले मे फेंककर समस्या को एक कदम ओर आगे बढ़ा दिया गया। उक्त प्रकरण के सन्दर्भ में जब हमारे जिला प्रभारी द्वारा उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व सी डी पी ओ बहराइच से बात की गयी तो किसी का भी उत्तर संतोष जनक नहीं रहा। फ़िलहाल मामला जो भी हो लेकिन अब मामले को लेकर श्री शफ़ीक़ द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि फ़र्ज़ी नौकरी के मामले में वर्षों से लगातार उनके द्वारा शिकायत की जा रही है और सारे साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद भी कार्यकत्री को अब तक पदमुक्त नहीं किया गया है उन्होंने यह भी लिखा है कि यदि मामले में अति शीघ्र उचित कार्यवाही नहीं की गयी तो वे आत्मदाह भी कर सकते है जिसकी जिम्मेदारी उनके द्वारा मामले से सम्बंधित सभी उच्चा धिकारियों व जिम्मेदरो पर थोपी गयी हैं। अब जिलाधिकारी द्वारा उक्त संवेदनशील मुद्दे पर क्या कार्यवाही की जाएगी यह समय के गर्भ में है लेकिन श्री शफ़ीक़ द्वारा उठाया गया यह कदम क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *