बहराइच 01 अगस्त। ग्राम स्वराज अभियान के द्वितीय चरण के लिए भारत सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी अपर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार संजीव कुमार ने विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में अभियान अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की योजनावार समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अवशेष सभी मजरों को चिन्हित कर उनका विद्युतीकरण कराया जाय साथ ही ऐसे घरों व कच्चे मकानों को भी चिन्हित किया जाय जो किन्हीं कारणों से विद्युत कनेक्शन नही ले रहें हैं। अधि.अभि. विद्युत द्वारा बताया गया कि अभी तक 820 मजरे ऐसे हैं जहां विद्युतीकरण हो चुका परन्तु कनेक्शन निर्गत नहीं किए गये हैं। इस सम्बन्ध में श्री कुमार ने निर्देश दिया कि ऐसे मजरों को 15 अगस्त तक ऊर्जीकृत कर पूर्ण रूप से संतृप्त करा दिया जाय और सभी इच्छुक व्यक्तियों को कनेक्शन निर्गत किये जायें। उज्ज्वला योजना की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि कोटेदारों का सहयोग लेते हुए गैस कनेक्शन धारक परिवारों तथा गैस कनेक्शन न ले पा रहे पात्र परिवारों को सर्वे करायें। डीएसओ ने जानकारी दी कि लगभग 4000 एससी/एसटी व अन्य ऐसे परिवार हैं जिनके पास राशन कार्ड न होने कारण समस्या उत्पन्न हो रही थी। ऐसे लोगों को चिन्हित कर राशन कार्ड हेतु फीडिं़ग करा दी गयी है डाटा अपडेट होते ही सूची उपलब्ध करा दी जायेगी। नोडल अधिकारी ने निर्देश दिया कि डुप्लीकेट केवाईसी की जांच कराते हुए सूची का अपडेशन कराया जाय ताकि सभी पात्र लोगों को योजना से आच्छादित किया जाय। उजाला योजना की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में संचालित सभी सीएससी केन्द्रों के माध्यम से एलईडी बल्बों का वितरण कराया जाय। उन्हांेने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्रामों में एलईडी बल्बों के वितरण कराने का लक्ष्य निर्धारित करें। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, मिशन इन्द्रधनुष सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी ने निर्देश दिया कि युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए निर्धारित लक्ष्य अभियान अन्तर्गत निर्धारित किये गये लक्ष्यों को 15 अगस्त 2018 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाय। उन्हांेने उज्ज्वला व सौभाग्य योजना में विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। नोडल अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं को पूरी शिद्दत के साथ क्रियान्वित कराये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में दूसरे अन्य जिलो की तुलना में कुपोषण की समस्या अधिक है। श्री कुमार ने निर्देश दिया कि जनपद को कुपोषण से मुक्त कराये जाने के उद्देश्य से शासन द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों को पूरी क्षमता के साथ लागू करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित है कि विकसित और पिछड़े जनपदों के बीच की खाई को वर्ष 2022 तक समाप्त कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर इत्यादि के क्षेत्र में तरक्की के माध्यम से ही जनपद को अग्रणी जनपद की श्रेणी में लाया जा सकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों का आहवान्ह किया कि उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करते हुए बेहतर कार्य करें ताकि निर्धारित लक्ष्य को समय से प्राप्त कर लिया जाय। नोडल अधिकारी ने जनपद के अधिकारियों को निर्देश दिया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि विकासपरक योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कराते समय गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की जाय। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जनपद में 01 जून से 15 अगस्त 2018 तक संचालित होने वाले ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत 14 ब्लाकों के 1031 ग्राम पंचायतों में अब तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लक्ष्य 92594 के सापेक्ष 34379, सौभाग्य योजना के तहत लक्ष्य 196436 के सापेक्ष 7249, उजाला योजना के तहत लक्ष्य 82480 के सापेक्ष 15487, प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत लक्ष्य 126994 के सापेक्ष 109123, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत लक्ष्य 79412 के सापेक्ष 56127, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लक्ष्य 130453 के सापेक्ष 92967 तथा मिशन इन्द्रधनुष के तहत लक्ष्य 44888 के सापेक्ष 46187 की पूर्ति की गयी है। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने नोडल अधिकारी को आश्वस्त किया कि बैठक के दौरान जो भी निर्देश व मार्गदर्शन प्राप्त हुए हैं उनका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पाण्डेय, डीडीओ वीरेन्द्र सिंह, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार सिंह, एलडीएम आरवीएस राजपूत, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, डीएसओ राकेश कुमार, डीडीए डा. आरके सिंह, डीआईओएस राजेन्द्र कुमार पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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