2014 के मोदी लहर में पश्चिम यूपी में अपनी जमीन गंवा चुकी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) एक बार फिर मिशन 2019 की तैयारियों में जुट गई है. आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी इसकी शुरुआत मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित गांव नंगला मंडोर से करने जा रहे हैं. शुक्रवार को जयंत चौधरी यहां शांति रैली को संबोधित करेंगे. बता दें कि 2013 में दंगों की शुरुआत इसी गांव से हुई थी. जयंत चौधरी अपनी इस रैली से मुस्लिम और जाटों के बीच पनपे मतभेद को दूर करने की कोशिश करेंगे.आरएलडी सूत्रों के मुताबिक, दोनों संप्रदायों के बीच आपसी भाईचारे को फिर से कायम करने के अलावा, इस रैली का मुख्य मुद्दा गन्ना किसानों का भुगतान और बिजली के बढ़े दाम हैं. कहा जा रहा है कि ये दोनों ही मुद्दे किसानों के लिए काफी अहम हैं. यही वजह थी कि हाल ही में संपन्न हुए कैराना उपचुनाव में बीजेपी को हार मिली.रैली के लिए दंगा प्रभावित गांव के चयन पर पार्टी प्रवक्ता अभिषेक चौधरी ने कहा कि आरएलडी की कोशिश इलाके के लोगों में शांति और भाईचारे को मजबूत कर साम्प्रदायिक ताकतों को कमजोर करने की है. इसी गांव से दंगों की शुरुआत हुई थी. अब आरएलडी यहां रैली कर पूरे देश में शांति और सौहार्द का संदेश देगी. इसके अलावा इस रैली में किसानों से जुड़े अहम मुद्दों- बिजली की बढ़ी दरें और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान भी उठाए जाएंगे.हालांकि, बीजेपी ने आरएलडी की शांति रैली पर सवाल खड़े किए हैं. स्थानीय बीजेपी विधायक कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि यह केवल एक राजनैतिक स्टंट है. लगभग पांच साल बाद आरएलडी को अहसास हुआ कि दोनों संप्रदायों के बीच दूरियों को कम करने की ज़रूरत है. यह सिर्फ एक दिखावा है.गौरतलब है कि 2013 के अगस्त-सितम्बर में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़का था, जिसमें 60 लोगों की मौत हुई थी और 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे. मामले में कुल 502 एफआईआर दर्ज हुए थे, जिनमें 6,867 लोगों को आरोपी बनाया गया था.
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