बहराईच
उत्तर प्रदेश के तराई अंचलों में बाल अधिकारों व मानव तस्करी के मुद्दों पर विगत डेढ दशक से कार्यरत स्वैच्छिक संस्था-डेवलपमेन्टल एसोसिएशन फार ह्युमन एडवांसमेन्ट (देहात) द्वारा भारत नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों व जवानों को मानव तस्करी की प्रभावी रोकथाम एवं विशेषकर बच्चों के संरक्षण से जुडे मुद्दों पर एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला सम्पन्न की गयी! कार्यशाला का विषय “मानव तस्करी की रोकथाम : चुनौतियां, अवसर एवं सम्भावनायें“ रहा!कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक के रूप में जवानों व अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी एवं कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि मानव तस्करी के मुद्दे के स्थायी समाधान हेतु मानव तस्करी से पीडितों को तस्करौं से मात्र मुक्ति दिलाना ही पर्याप्त नहीं बल्कि बचाव, संरक्षण, कानूनी कार्यवाही एवं पुनर्स्थापन से जुडे सभी पहलुओं पर एक साथ काम करना होगा! उन्होने कहा कि हम किसी बच्चे, बेटी, बहू या बहन के किसी मानव तस्करी गिरोह का षिकार होने के बाद उसे मुक्ति दिलाने के अवसर की प्रतीक्षा करने के बजाय मानव तस्करी के मूल कारणों को चिन्हित कर जमीन पर ही उन कारकों के विरुद्ध काम करना होगा, तभी इस अभिशाप का समूल नाश सम्भव है! उन्होनें बाल एवं मानव तस्करी के विरुद्ध सभी विभागों, संस्थाओं एवं अन्य हितग्राहियों को एक साथ मिलकर काम करने की सीख एक खेल के माध्यम से दी!जिला प्रोबेशन अधिकारी वी0 पी0 वर्मा ने महिला व बाल विकास विभाग की उन समस्त योजनाओं की जानकारी दी एवं कहा कि मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिये, उनका विभाग सदैव साथ है!सशस्त्र सीमा बल की 42वीं बटालियन के कमांडेंट अनिल कुमार गिरी ने सभी जवानों का आह्वान किया कि मानव तस्करी और बाल संरक्षण के मुद्दे पर अपने प्रयासों में किसी प्रकार की कोई भी कमी ना रहे और इसके लिये देहात संस्था, चाईल्ड्लाईन-1098, महिला हेल्पलाईन-181, पुलिस एवं अन्य हितभागियों के समन्वय में कार्य करें! उन्होंने यह निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार के नेपाली नागरिक के रेस्क्यू के पश्चात उन्हें सीधा नेपाल की सुपुर्दगी में न देकर उन्हें भारतीय कानूनों के प्रावधानों के अनुरूप ही घर वापस भेजा जायेगा!कार्यशाला के अन्त में कमान्डेंट श्री गिरी द्वारा देहात संस्था के मानव तस्करी व बाल संरक्षण रोकथाम हेतु जितेन्द्र चतुर्वेदी को सम्मान प्रतीक देकर सम्मानित किया गया एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी वी0पी0 वर्मा को भी प्रतीक चिन्ह दिया गया!कार्यशाला के आयोजन में डिप्टी कमांडेन्ट शैलेन्द्र पान्डेय व सहायक कमान्डेंट जगजीत बहादुर की विशिष्ट भूमिका रही! साथ ही देहात संस्था के समन्वयक हसन फिरोज़, इंटरवेंशन आफीसर कृष्ण कुमार पाठक, पवन यादव, जीनत फातिमा आदि की सराहनीय भूमिका रही!
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