अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर देशभर के 90 लाख ट्रक और 50 लाख बस के पहिये शुक्रवार को थम गए. ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर यूपी के भी 50 हजार ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी और टोल मुक्त बैरियर सहित अन्य मांगों को लेकर ट्रांसपोर्ट्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है. उनकी मांग है कि सरकार डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाए और तीन महीने के भीतर दामों को तय करे. साथ ही अवैध खनन में ट्रांसपोर्टरों को निशाना बनाए जाने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. यूपी के ट्रांसपोर्टरों के इस हड़ताल में शामिल होने से प्रदेश में रोजाना 10 से 15 करोड़ का नुकसान होगा.यूपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर अपनी बात रखेंगे. दरअसल, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने कहा कि उनकी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ गुरुवार को बैठक हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला.ट्रांसपोर्ट्स ने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए.टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है.थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए.इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और र्इ-वे बिल में संशोधन हो.ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रखने की अनिवार्यता से राहत दी जा सकती है. वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर एक साल कराने की रियायत दिया जा सकती है.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






