ऊपर का चित्र सरसस्वतीनगर ग्राम पंचायत शेखदहीर अंतर्गत है। यहां लगभग एक दर्जन परिवार राह रहे जो कई साल से जलभराव और गन्दगी का सामना कर रहे क्योंकि नाली और इंटरलॉकिंग रोड नही। काफी कोसिस के बाद जब सुनवाई न हुई तो चीफ मिनिस्टर के जन सुनवाई पोर्टल पर मामला दर्ज कराया गया लेकिन ग्राम पंचायत प्रसासन अपने अड़ियल रुख पर कायम है। पहले ग्राम विकास अधिकारी संदीप चौधरी ने इस कार्य को कार्य योजना ने न होने की बात कह दी जब पुनः लिखा गया तो सहायक विकास अधिकारी ने अपनी जांच में इसे वित्तीय वर्ष 2018,,,2019 में शामिल कर लिया गया। लगातार लिखापढ़ी के बाद खंड विकास अधिकारी तेजवापुर ने मुख्य विकास अधिकारी को भेजी रिपोर्ट में बताया कि मामला 13 नम्बर पर दर्ज हो गया जिसे शीघ्र कर दिया जाएगा। विडंबना यह कि कोई मौके पर आज तक देखने नही गया कि लोग किस तरह गंदगी के बीच रह रहे। बिना नाप, जोख किये ही कार्य योजना को कैसे अंतिम रूप दिया जा सकता या बजट बन सकता है। जब ये सब न होगा फिर किस तरह धन का आवंटन ग्राम पंचायत को किआ जाएगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। यह सब टैब है जब प्रकरण मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आज भी दर्ज है और लंबित है। समस्सया के प्रति उदासीनता समझ से परे। इतने परिवार मुश्किलों का सामना कर रहे। बच्चे स्कूल जलभराव और गंदगी को पारकर जाने को विवश हैं। संदर्भ संख्या 40018018020894, तारीख 13मई 2018 आज भी लंबित है। नागरिकों को न नगरपालिका का लाभ मिल पा रहा और न ही ग्राम पंचायत का। उपेक्षा का दंश उन्हें चुभ रहा।
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