बहराइच 30 जून। विश्व बैंक, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सहायतित ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता कार्यक्रम ‘‘नीर निर्मल परियोजना’’ अन्तर्गत विकास भवन सभागार में जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई, बहराइच द्वारा आयोजित वित्तीय प्रबन्धन विषयक एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला/प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि सभी ग्राम पंचायत पेयजल स्वच्छता समितियों को पानी टंकी पेयजल परियोजना के सफल संचालन एवं सुचारू रूप से प्रबन्धकीय देख-रेख विशेषकर वित्तीय प्रबन्धन के सम्बन्ध में ज़रूरी जानकारी प्रदान कर दी जाये ताकि सभी लोग शासन की मंशानुरूप अपने दायित्वों का निर्वहन भली प्रकार से कर सकें। श्री पाण्डेय ने उपस्थित का आहवान्ह किया कि यहाॅ पर विशेष विशेषज्ञों द्वारा जो भी जानकारी दी जा रही है उसे भली प्रकार से सीखें। इस अवसर पर श्री पाण्डेय ने मानव जीवन के लिए पानी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह द्वारा पेयजल परियोजना के संचालन में ग्राम पंचायत पेयजल एवं स्वच्छता समिति तथा बहुल ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के गठन व उसके उद्देश्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। श्री सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला में 24 परियोजना ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व पंचायत के अन्य सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। जिला विकास अधिकारी ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियांे को परियोजना अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त ग्राम बनाये जाने का आहवान्ह करते हुए कहा कि इसके लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जायेगा। श्री सिंह ने सभी सदस्यों से अपेक्षा की कि शत्-प्र्रतिशत परिवारों को कनेक्शन व नियमित जल शुल्क जमा कराने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दें। कार्यशाला के दौरान जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई नीर निर्मल परियेाजना के जिला परियोजना प्रबन्धक संतोष कश्यप द्वारा वित्तीय प्रबन्धन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति के सफल संचालन हेतु आवश्यक मानकों पर परिचर्चा की गयी। जिला लेखा प्रबन्धक अनिल त्रिपाठी, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सलाहकार वेद प्रकाश व पर्यावरण एवं जल गुणवत्ता सलाहकार पंकज भानु सिंह द्वारा विभिन्न विषयक अभिलेखों के रख रखाव तथा विभिन्न वित्तीय प्रबन्धनों पर आवश्यक सुझाव दिये गये। कार्यशाला के अन्त में जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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