उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग से दो वर्ष का और समय मांगा है। वहीं मायावती के सरकारी बंगले के सामने कांशीराम यादगार विश्रामालय स्थल” का बोर्ड लगा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य संपत्ति अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया था।
जब पूछा गया कि मायावती का 13—ए, माल एवेन्यू स्थित बंगला किसके नाम आवंटित है तो संपत्ति विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ”बंगला मायावती जी के ही नाम आवंटित है। ” इस सवाल पर कि कहीं ऐसा तो नहीं बंगला कांशीराम यादगार विश्रामालय स्थल के नाम ही आवंटित हो और उसमें मायावती रह रही हों, अधिकारी ने कहा, ”जहां तक हमें जानकारी है, वह बंगला मायावती के ही नाम आवंटित है लेकिन फिर भी हम पुराने रिकार्ड को फिर से जांच रहे हैं। ”मायावती के सरकारी बंगले के सामने दो मुख्य द्वारों के बीच दीवार से सटाकर कांशीराम यादगार विश्रामालय स्थल का बोर्ड लगा दिया गया है, जिस पर कांशीराम का चित्र भी बना है। हालांकि मुख्य गेट पर ”मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश” लिखा है। बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस बंगले से पार्टी संस्थापक कांशीराम की स्मृतियां जुडी हैं। बोर्ड में वही नाम अंकित है, जिस पर यह बंगला आवंटित किया गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो मायावती 15 दिन के भीतर सरकारी बंगला छोड़ देंगी। उल्लेखनीय है कि बीते सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे।
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