राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और यूपी सरकार के बीच लखनऊ में मंगलवार को हुई समन्वय बैठक में संघ ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए संवादहीनता से बचने की हिदायत दी है.बैठक में संघ की तरफ से प्रदेश सरकार के मंत्रियों पर नाराजगी जाहिर की गई. साथ ही कैबिनेट और बीजेपी के संगठन के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई.उधर संघ की नाराजगी से बीजेपी और सरकार में खलबली मच गई है. बीजेपी कार्यालय में इसे लेकर बुधवार को हाई लेवल हुई. बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, संगठन मंत्री सुनील बंसल, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने शिरकत की.बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि समन्वय पर चर्चा हुई. इस दौरान कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी चर्चा की गई. इस दौरान डिप्टी सीएम मंत्रिमंडल फेरबदल पर बोलने से बचे. उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट जैसे आयोजनों पर चर्चा की गई. इसके अलावा संघ की नाराजगी पर भी दिनेश शर्मा बोलने से बचे. वहीं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने भी कहा समन्वय पर बात हुई. वह फेरबदल पर बोलने से बचते नजर आए.बीती शाम हुई मैराथन बैठक में संघ ने कार्यकर्ताओ की उपेक्षा और सरकार के कामकाज के रवैये पर नाराजगी जाहिर की थी.सीएम आवास पर हुई इस बैठक में आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले, डॉ कृष्णगोपाल, क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन महामंत्री सुनील बंसल व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा शामिल हुए.बैठक में कई अफसरों के सरकार से नजदीकी प्रचारित कर मनमाने ढंग से कार्य करने की बात भी सामने आई. पता चला कि अफसर संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं तक को तरजीह नहीं दे रहे हैं. खनन के मामले में प्रदेश भर से शिकायतें आ रही हैं. सरकार ने खनन को लेकर तमाम कदम जरूर उठाए हैं लेकिन अभी भी उत्पीड़न और अवैध खनन की तमाम शिकायतें आ रही हैं, जिनमें कई अफसरों के शामिल होने की भी बात है.इसके अलावा नगर निकाय में प्रदर्शन को लेकर भी संघ ज्यादा खुश नहीं दिखा. कहा गया कि चुनाव में जो भी कमियां रह गई हैं, उनका विश्लेषण करने की सख्त आवश्यकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहेगा.हिदायत दी गई कि कई जगह सरकार और संगठन के बीच तारतम्य में कमी देखने को मिल रही है. संवादहीनता की स्थिति पैदा नहीं होने दें. संगठन और सरकार की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं का उचित समायोजन जरूरी है.
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