भुगतान की मांग को लेकर 134 वें दिन भी जारी रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना
कोटा/ इटावा। बकाया भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर 18 फरवरी से कोटा कलेक्ट्रेट पर चल रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना मंगलवार को 134 वें दिन भी जारी रहा।
सीटू के बैनर तले चल रहे इस धरने के बारे में मजदूर नेता कॉमरेड हबीब खान ने बताया कि 26 जून को जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए अराफात ग्रुप की लीज डीड रद्द कर उसे फैक्ट्री से बेदखल कर दिया। साथ ही फैक्ट्री की मशीनों की चोरी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है। मजदूरों की एकजुटता और साढ़े चार महीने से चल रहे इस संघर्ष के परिणाम स्वरूप सरकार को मजदूरों के हित में फैक्ट्री और उसकी जमीन को अपने नियंत्रण में लेना पड़ा। मजदूरों की मांग है कि 28 साल का बकाया वेतन जिसका ब्याज सहित मूल्य 500 करोड़ रुपए से अधिक है, जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। साथ ही, कोटा के आर्थिक विकास और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए बंद पड़ी जेके फैक्ट्री को नए प्रमोटर के माध्यम से पुनः शुरू किया जाए। मजदूरों ने स्पष्ट किया कि बकाया वेतन मिलने तक यह धरना जारी रहेगा।
9 जुलाई को ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को समर्थन
धरने को संबोधित करते हुए मजदूर नेता कॉमरेड उमाशंकर, नरेंद्र सिंह, अली मोहम्मद और कालीचरण सोनी ने कहा कि बकाया वेतन के संघर्ष को और मजबूत करने के लिए 9 जुलाई को ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर होने वाली राष्ट्रव्यापी मजदूर, कर्मचारी हड़ताल को कोटा में सीटू के नेतृत्व में सफल बनाया जाएगा। इस हड़ताल में सरकार की मजदूर और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को जागरूक किया जाएगा। धरने में मोहम्मद मंसूरी, सतीश त्रिवेदी, हनुमान सिंह, रहीसा बाई, मदन मोहन शर्मा और जाहिदा बानो ने भी अपने विचार रखे।
महिलाओं ने दिखाई ताकत
सीटू मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि इस लड़ाई में रोजाना मजदूरों, खासकर महिला मजदूरों की भागीदारी बढ़ रही है, जिससे जिला प्रशासन और सरकार में हड़कंप है। सभी संगठनों ने जेके मजदूरों के इस संघर्ष का समर्थन किया है। यह संघर्ष कोटा के विकास और मजदूरों के बकाया वेतन की जीत का प्रतीक है। वहीं सीटू मीडिया प्रभारी मुरारी लाल बैरवा ने बताया कि 134 वें दिन धरने का संचालन कॉमरेड अशोक सिंह ने किया।
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